तुम हो मेरे दिलो कि धड़कन,
तुम हो मेरी खुदा ,
तुम ही हो ज़मीं मेरी ,
तुम ही हो आसमान,
तुम ही हो दरिया मेरी ,
तुम ही हो किनारा,
तुम ही हो मेरी ख्वाब ,
तुम ही मेरी रब का भेजा हुआ फरियाद,
तुम ही हो मन्नत मेरी,
तुम ही हो मेरी जन्नत,
तुम ही हो राह मेरी ,
तुम ही हो मेरी मंजिल,
तुम ही हो सर्दीयो की धूप ,
तुम ही हो गर्मी की राहत,
तुम ही हो आखरी इच्छा ,
तुम ही जीने की चाहत,
तुम ही हो हर सपना,
क्योंकि तुम हो मेरी अपनी,
तुम ही हो मेरे साथ ,
पकडा़ जिसने हाथ मेरे,
तुम ही हो जीवन मेरा,
तुम ही हो सुख: सारा,
तुम हो तो लगता है,
जैसा आराम भरा जिदंगी है मेरी ,
तेरे बिना जीना नहीं अभी ,
तुम ही मेरी रब हो,
तुम ही हो सब मेरी हो,
तुम अनोखा एहसास हो मेरी,
जो रहता हर दम मेरे पास ,
लाखों चहरे देखें मगर ,
जो आँखों को भाया वो बस तुम हो,
तुम ही हो मेरे लिए सबसे न्यारा ,
जिससे प्यार करता हुँ,
मैं इतना सारा…..,
तुम ही हो मेरी सच्ची मोहब्बत ,
तुम ही हो मेरी एक-तरफा प्यार ,
तुम मेरी महोब्बत को स्वीकार कर लो ,
मेरी एक-तरफा महोब्बत को ,
अब दो तरफा कर दो भगवान,
तुम मेरी सच्ची महोब्बत हो…………..
मुस्कान केशरी
मुजफ्फरपुर बिहार