जय प्रकाश ठाकुर
दंतेवाड़ा। कृषि क्षेत्र में उत्पादन में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कृषि नवाचारों और खेती के आधुनिक तरीकों को अपनाकर फसलों की पैदावार और गुणवत्ता से किसानों को उस स्तर तक पहुंचाया जा रहा है। जहां वे स्वेच्छा से अपनी उत्पादकता में सुधार लाने आगे आ रहे हैं।ऐसे ही जिले के विकासखण्ड दंतेवाड़ा अंतर्गत ग्राम टेकनार के राजेश परम्परागत खेती से हटकर आधुनिक खेती से सब्जी की खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं। साथ ही अन्य किसानों को आधुनिक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। और बैंगन एवं तरोई की खेती कर लाखों कमा कर अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं। ग्राम टेकनार के राजेश ने बताया कि वे अपनी कुल कृषि भूमि 4.00 हेक्टेयर में से 2.00 हेक्टेयर में उद्यानिकी विभाग के सहयोग से साग-सब्जी की खेती कर रहे है। उद्यानिकी विभाग की योजनाओं से ड्रिप एवं मल्चिंग पद्धति को अपनाकर बहुत उत्साहित है। जहां पहले परंपरागत ढंग से खेती करने पर लाभ होने के बजाय नुकसान हो रहा था।पर अब इस नये तकनीक से किसानों को अच्छी आमदनी प्राप्त होने लगी है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से मल्चिंग पर बैंगन एवं तरोई की खेती अपनाकर 2.50 लाख आय प्राप्त किया। राजेश बताते हैं कि मल्चिंग विधि से साग-सब्जी उत्पादन करना अधिक फायदा होता है। इस विधि को अपनाकर कम लागत में अधिक कमाया जा सकता है। मल्चिंग विधि से खेती करने पर निंदाई, गुड़ाई एवं उद्यानिकी कार्य पर मजदूरी खर्च बहुत ही कम होता है। इसलिए अन्य किसान को भी उद्यानिकी विभाग के योजनाओं से अनुदान प्राप्त कर मल्चिंग विधि से खेती करने हेतु सलाह दे रहे हैं।ताकि किसान भी उद्यानिकी फसल से अधिक आमदनी प्राप्त कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें।