ग्राम पंचायत पवा में ग्राम प्रधान व परिजन मिलकर कर रहे सरकारी धन का बन्दरवांट
प्रधान पति रोजगार सेवक के पद पर तैनात अपनी पत्नी फर्म करा चुका है कई कूपों का निर्माण
कार्यदायी फर्म है प्रधान की सास के नाम व फर्म की प्रापराईटर है स्वयं ग्राम प्रधान
अभिषेक बुन्देला
तालबेहट ललितपुर व्यूरो (अमर स्तम्भ)। उत्तर प्रदेश के ललितपुर के विकास खण्ड तालबेहट में व्याप्त भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पार कर चुका है। चोर चोर मौसेरे भाई तो सुना था,लेकिन सारे चोर एक ही घर के सगे सम्बन्धि निकल आये तो शायद चोरों का भी दिल दहल जाये। जिसका जीता जागता नमूना विकास खण्ड तालबेहट के ग्राम पंचायत पवा में देखने को मिल रहा है जहाँ की ग्राम प्रधान व उसके परिजनों द्वारा मिलकर सारे नियमों के विरूद्ध सरकारी धन का बन्दरबांट किया जा रहा है व प्रधान पति महेन्द्र यादव जो कि स्वयं रोजगार सेवक है बीती पूर्व पंचवर्षी में सारे नियम कानूनों को ताक पर रखकर पात्रताहीन होने के बाबजूद शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अपने निजी परिवार को दिया जा चुका है। ग्राम पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार का आकलन इसी बात से किया जा सकता है कि प्रधान पति महेन्द्र यादव ग्राम पंचायत पवा में रोजगार सेवक रहा है व उक्त ग्राम पंचायत में साठ-गाठ के चलते कार्यदायी फर्म शान्ति काँन्सट्रशन/मटेरियल सप्लायर्स जिसकी प्रापराईटर स्वयं ग्राम प्रधान मालती रही है के नाम पर करोड़ो के फर्जी भुगतान कराये जा चुके है व कई कूपों का निर्माण भी कराया जा चुका है जोकि नियम विरूद्ध है। भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा तो तब हो गई जब प्रधान पति रोजगार सेवक महेन्द्र यादव द्वारा शासन की योजनाओं व धन का अनैतिक लाभ लेते हुये नियमों के विपरीत महज दस मीटर के अन्तराल पर एक ही मेड़ पर अपनी मां के नाम दो कूपों का निर्माण करा दिया गया,जबकि इनकी मां के नाम पर उक्त कूप का निर्माण किया जाना सारे नियम कानूनों के विपरीत है क्योकि रोजगार सेवक के पिता बैजनाथ वन विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी है जोकि उक्त योजना का लाभ लेने की श्रेणी में नही आते है व उसी मेड पर अपने भाई के नाम लगभग एक लाख रूपये का पशु सेड का निर्माण करा दिया गया व मनरेगा से अपने रोजगार सेवक महेन्द्र यादव ने अपने स्वयं के नाम बन्धी व स्पिल वे का निर्माण उसी मेड़ पर कराया जा चुका है। ग्राम पंचायत पवा में किया गया इतना बड़ा भृष्टाचार विकास खण्ड तालबेहट के अधिकारियों की मिली भगत से संभव नही है व इस प्रकार के भृष्टाचार में एपीओं की संलिप्तता पाई जा रही है व वर्ततान में उक्त रोजगार सेवक की पत्नी ग्राम प्रधान है व ग्राम पंचायत पवा विभिन्न प्रकार के विकास कार्य कागजों में करवाकर अपनी चहेती कार्यदायी संस्था को कमीशन देकर फर्जी भूगतान कराकर सरकारी धन का बन्दरबाट किया जा रहा है व उक्त ग्राम पंचायत पवा के समस्त विकास कार्यो की शासन स्तर पर उच्चस्तरीय जांच करावाई जाये तो लाखों-करोड़ों की हेराफेरी उजागर हो सकती है
बाँक्स में
रोजगार सेवक ने सरकारी धन का दुरूपयोग कर दस मीटर के अन्तर पर कराया दो कूपों का र्निमाण
जालसाजी कर ग्राम पंचायत पिपरई से स्वीकृत कूप का निर्माण कर दिया गया ग्राम पंचायत पवा में व दूसरे कूप का र्निमाण हुआ लघू सिंचाई विभाग से
ग्राम पंचायत पवा में तैनात रहे रोजगार सेवक महेन्द्र यादव द्वारा फर्जीवाड़ा व जालसाजी कर नियम विरूद्ध तरीके से अपनी मां शान्ति के नाम पर एक ही मेड़ पर दस मीटर के अन्तराल में दो कूपों का निर्माण कराया गया। जिसमें एक कूप का निर्माण लघु सिंचाई विभाग व दूसरे कूप को ग्राम पंचायत पिपरई से आवन्टित कराकर ग्राम पंचायत पवा में स्थित अपने खेत पर करा दिया गया। जोकि अपने आप में किये गये भृष्टाचार व धोकाधड़ी की पराकाष्ठा है व उक्त रोजगार सेवक द्वारा विकास खण्ड तालबेहट के अधिकारियों व पंचायत सचिवों से साठ-गाठ व बन्दरबाट के चलते कई प्रकार के भ्रष्टाचार किये गये है व अपनी ग्राम प्रधान पत्नी मालती के कार्यकाल में बदस्तूर किये जा रहे है व इनके कार्यकाल के समस्त विकास कार्यो की गोपनीय व उच्चस्तरीय जाँच सख्ती व वारीकी से किये जाने की अति आवश्यकता है जिससे इनके द्वारा किया जा रहा भ्रष्टाचार उजागर हो सके।