गुलशन अंसारी तहसील संवाददाता मनेंद्रगढ़
मामला मनेंद्रगढ़ का है स्थित भूमि खसरा क्रमांक 202/7/ख रकवा 0.962 हे. खसरा नंबर 202/22 रकवा 0.162 हे . खसरा नंबर 202/23 रकवा 0.809 हे . जो कि फर्जी तरीके से उत्पन्न हुआ खसरा है 202/22 एवं 202/23 और श्रीमती सरकार के तीन संताने थी सुभाष सरकार नारायण सरकार संजय सरकार जिसमें से उनके दो पुत्रों की मृत्यु हो गई सुभाष सरकार संजय सरकार और उनके दोनों पुत्र के वारिसों का नाम है रतन सरकार विक्की सरकार विकास सरकार एवं नीतू सरकार एवं पीहू सरकार सन् 1965 में संयुक्त रूप से क्रय की गई भूमि जो कि श्रीमती सरकार को हिस्से में मिली थी उस हिस्से का बंटवारा फर्जी तरीके से नारायण सरकार ने अपने नाम करवाया है जो की पूर्णता फर्जी है श्रीमती सरकार के तीन पुत्र एवं तीन पुत्रियां हैं एवं उनके मृतक पुत्रों के वारिशों कि किसी भी तरह कि सहमति दर्ज नहीं करवाई गई है नारायण सरकार को बंटवारे में इतनी भूमि दी जाए श्रीमती सरकार ने तहसीलदार के समक्ष जो आवेदन प्रस्तुत किया था वर्ष 2019 में आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 178 का भू0 राजस्व संहिता 1959 के तहत पेश किया गया था जिसका राजस्व प्रकरण क्रमांक 29 /अ 27 / 2018-2019 राजस्व प्रकरण क्रमांक 40/अ 27/2019-2020 पेश किया गया था उक्त आवेदन पर तहसीलदार मनेंद्रगढ़ के द्वारा विधि विरुद्ध आदेश पारित करते हुए केवल नारायण सरकार के पक्ष में आदेश पारित किया गया है जबकि उक्त भूमि पर सभी का सामान्य अधिकार था किंतु मनेंद्रगढ़ तहसीलदार द्वारा श्रीमती सरकार के अन्य विधिक वारिस व उनके पुत्र रतन सरकार विक्की सरकार विकास सरकार नीतू सरकार एवं पीहू सरकार जो कि मृतक सुभाष सरकार एवं मृतक संजय सरकार के वारिस हैं उनसे बिना सहमति के नारायण सरकार के नाम पर नामांतरण कर रिकॉर्ड दुरुस्त करा दिया गया जो कि पूर्णता गलत है मनेंद्रगढ़ तहसीलदार द्वारा शेष भाइयों के पुत्र एवं पुत्रियों एवं बहनों को बिना नोटिस तामील किए बिना सूने बिना जांच पड़ताल किए नामांतरण कर रिकॉर्ड दुरुस्त करा दिया गया जो कि गलत है नारायण सरकार मनेंद्रगढ़ तहसील में राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ उठता बैठता है और पूर्व के एस डी एम तहसीलदार टी आई के वाहनों को भी चलाने का कार्य करता था जिस कारण वह अपने प्रभाव से फर्जी वसीयत फर्जी बटवारा करावा लिया इस संबंध में नारायण सरकार के विरुद्ध कई बार शिकायत की गई किंतु किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई उसका सारा लाभ नारायण सरकार ने उठाया है वर्तमान में नारायण सरकार के द्वारा उक्त भूमि को विक्रय किए जाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है जिस कारण से हमारा हित प्रभावित हो रहा है जिसकी जांच किया जाना अत्यंत आवश्यक है लेकिन पूर्व राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ उसकी सांठगांठ होने के कारण यह सब संभव नहीं है नारायण सरकार का खुद का ये कहना है कि 30 से 35 साल के मेरे कैरियर में ना कोई पटवारी ना कोई आर आई ना कोई तहसीलदार ना कोई एसडीएम ना ही कोई राजस्व विभाग का कोई भी कर्मचारी मेरा कुछ नहीं कर सकता मैं जो चाहूंगा वह होगा यह सब अधिकारी मेरे अधीन है मैं जैसा बोलूंगा वैसे ही कार्य करेंगे अधिकारी हो या कोई और हो कुछ भी नहीं कर सकता है मेरा उसकी सारे अधिकारियों के साथ सांठगांठ है और श्रीमती सरकार के मृतक पुत्रों के वारिसों को उनका हक नहीं मिल रहा है अब आगे शायद प्रशासन जागे और श्रीमती सरकार के मृतक पुत्रों के वारिसों को उनका हक मिल सके