भ्रष्टाचार और धांधलियों की अनदेखी कर दिया जा रहा है अभयदान…?
मनोज सिंह/जिला ब्यूरो
टीकमगढ़। (दैनिक अमर स्तंभ) जिले के तालाब निर्माण में हुये भ्रष्टाचार और अनियमिताओं के दोषी को बचाने और उनकी बहाली का रास्ता साफ होता नजर आने लगा है। सूत्रों की मानें तो इसके लिये गोटे बैठाई जा चुकी है। अधिकारी से हरी झंडी मिलने की चर्चाएं जोरों पर हैं। अब देखना है कि इस मामले में लगाई जा रही अटकलों की पुष्टि उनकी बहाली के साथ होती है, या यह कोरी अफवाह साबित होती है। ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत कुर्राई में निजी भूमि पर मनरेगा तालाबों का निर्माण कराकर लाखों रूपये की धांधली की गई। यह मामला जिला मुख्यालय से राजधानी तक गूंजता रहा। बताया गया है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जतारा जिला टीकमगढ़ द्वारा 12 अप्रैल को ग्राम पंचायत कुराई में निजी भूमि पर तालाब निर्माण के संबंध में कार्रवाई की गई थी। मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद् भोपाल का पत्र क्रमांक 162 दिनांक 06 अप्रैल 2022 को उपरोक्त विषयान्तर्गत लेख किया है कि आयुक्त मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद् भोपाल के पत्र क्रमांक 162 दिनांक 06 अप्रैल 2022 टीकमगढ़ जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना के क्रियान्वयन में अनियमितताओं के आक्षेपों की जांच पर कार्यवाही का प्रतिवेदन भेजने के संबंध में लेख किया गया है । उक्त पत्र में बिन्दु क्रमांक 49 में नवीन तालाब निर्माण भजनी के पास, नवीन तालाब निर्माण यदयदा के पास, नवीन तालाब निर्माण गौचर हार के पास एवं नवीन तालाब निर्माण विद्याहार के पास का उल्लेख किया गया था। उक्त चारों तालाब निर्माण निजी भूमि में किये गये है जो गंभीर अनियमितता की श्रेणी में आते है । उन्होंने कहा कि अत: आपको निर्देशित किया जाता है कि प्रकरण में केन्द्रीय जॉच दल के प्रतिवेदन एवं मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल का पत्र क्रमांक 162 दिनांक 06 अप्रैल 2022 में दोषी अधिकारी, कर्मचारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सहायक यंत्री, सहायक लेखा अधिकारी, उपयंत्री, प्रधान, सचिव, ग्राम रोजगार सहायक के विरूद्व प्राथमिकी दर्ज कराने एवं वसूली निर्धारण की कार्यवाही करते हुये इस कार्यालय को अवगत कराये जाने के लिये कहा गया था। प्रतिवेदन कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक, मनरेगा जिला टीकमगढ़, मप्र पृ क्रमांक, जिपं मनरेगा, स्था 2022-23, 65 के साथ ही इसकी प्रतिलिपि आयुक्त मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद् भोपाल की ओर सूचनार्थ भेजी गई थी। बताया गया है कि इसके साथ ही यह मामला कमिश्नर, सागर संभाग सागर की ओर सूचनार्थ, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत टीकमगढ़ की ओर सूचनार्थ भेजा गया था। इस मामले में निलंबित कर्मचारियों एवं अधिकारियों को यदि बहाल किया जाता है, तो निश्चित ही अटकलों की पुष्टी होती नजर आएगी। फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता कि दोषियों में बहाली आखिर किन-किन कर्मचारियों की की जा रही है। अधिकारियों एवं कर्मचारियों में इस चर्चित मामले को लेकर चर्चाओं का दौर जारी बना हुआ है। अब देखना है कि जलेबी सीरा कब और कितना पीती है। या फिर यह चर्चाएं कोरी अफवाह साबित होती है।