सीईओ के बीच शिकायती पत्र रूपी महाभारत की ये है असली बजह

मनोज सिंह/ जिला ब्यूरो

सीईओ के बीच के महाभारत की असली बजह आयुक्त व केंद्रीय दल का आगमन

पुराने कार्यो के भुगतान का बजट कमीशनखोरी के चलते नवीन कार्यो में खर्च करने की सूचना

जिले के जनपद सीईओ ने एकमत होकर जिला सीईओ के बिरुध्द दिये ज्ञापन का मामला

टीकमगढ़। जिले के जनपद सीईओ पदाधिकारियो द्वारा जिला सीईओ के बिरुध्द दिये गए 27 बिंदु के ज्ञापन में नया मोड़ सामने आ गया है। पंचायत कार्यक्षेत्र के कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिला सीईओ और जनपद सीईओ के बीच महाभारत का जो शिकायती पत्र वायरल हो रहा है, उसकी मूल बजह है कमीशनखोरी। शासन द्वारा टीकमगढ़ जिले की समस्त जनपदों को करोड़ो रूपये का बजट जारी कर 6 जुलाई 2022 को मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा प्रदेश के समस्त सीईओ को पत्र जारी किया गया था कि उक्त बजट का उपयोग सर्वप्रथम पुराने व अधूरे कार्यो को पूर्ण कर भुगतान करने में खर्च किया जाए। लेकिन उक्त पत्र की अवहेलना कर टीकमगढ़ जिले की जनपदों द्वारा कमीशनखोरी कर उक्त बजट को नवीन कार्य स्वीकृत कर भुगतान करने में खर्च कर दिया गया। अब खुद को बचाने की कवायद के चलते एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ा जा रहा और इंजीनियर, सचिव व रोजगार सहायक संगठनों से भी साथ देने की बात की जा रही। इसकी मुख्य बजह बताई जा रही, रोजगार गारंटी योजना आयुक्त व केंद्रीय जांच दल का टीकमगढ़ जिले में एक बार फिर होने बाला दौरा।
चूंकि टीकमगढ़ लोकसभा सांसद डॉ वीरेंद्र कुमार खटीक द्वारा जिले की पंचायतों की शिकायत कर रोजगार गारंटी योजना कार्यो की जांच करने की मांग की गई थी। जिसको लेकर एक बार केंद्रीय जांच दल द्वारा टीकमगढ़ जिले की पंचायतों की जांच कर ली गई है। लेकिन अब आगामी 1 सितंबर को पुनः केंद्रीय जांच दल टीकमगढ़ आ रहा है। साथ ही केंद्रीय जांच दल के पूर्व 31 अगस्त को रोजगार गारंटी योजना की आयुक्त सूफिया फारुखी आ रही हैं। इन्ही के आगमन के चलते एक दूसरे पर ठीकरा फोड़कर खुद को बचाने की कवायद के चलते आनन फानन में जनपद सीईओ ने मिलकर जिला सीईओ के बिरुध्द शिकायती पत्र भेजा है। क्योंकि बताया गया है कि रोजगार गारंटी योजना में पत्र जारी कर ये निर्देश दिए गए थे कि पहले पुराने कार्यो को पूर्ण कर लंबित भुगतान कर दिए जाए लेकिन जनपदों द्वारा कमीशनखोरी के चक्कर मे नवीन कार्य खोल दिये जाने की सूचना है। इसलिए खुद को बचाने की कवायद के चलते ये महाभारत शुरू हुई है। अब उक्त महाभारत में जिला व जनपद सीईओ में से गलती किसकी है ये तो जांच के बाद ही सामने आ सकेगा। लेकिन फिलहाल तो जिला व जनपद के अधिकारियों के बीच के महाभारत का शिकायत पत्र जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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