मनोज सिंह/जिला ब्यूरो
आओ अब दिखलाये तुमकों झांकी इक स्कूल की
येसा भी हाईस्कूल, जहां दो शिक्षकों पर है 127 छात्र-छात्राओं की जिम्मेदारी।
जब गणित का अध्यापक ही नहीं, तो फिर पढ़ाई क्या खाक होगी।
टीकमगढ़। (दैनिक अमर स्तंभ) स्कूलों में बच्चों से भले ही समय पर किताबें लाने और यूनिफार्म आदि लाने के लिये कहा जाता हो, लेकिन शिक्षकों की मनमर्जी और लापरवाही को लेकर सभी चुप रहते हैं। जिले में अधिकारी ही गणित जैसे विषयों के शिक्षकों को छात्रावासों में पदस्थ किये हैं और कई शिक्षक अवकाश पर हैं। महाराजपुरा हाईस्कूल विद्यालय में कक्षा 9 और 10 के 127 छात्र एवं छात्राएं हैं, जिनको गणित विषय की पढ़ाई से महरूम रखा जा रहा है। गणित की शिक्षा से वंचित होने के कारण बच्चों की एक साल बर्बाद होने के आसार अभी से बने हुये हैं। शिक्षा की दुर्दशा और बच्चों के भविष्य के साथ जिले में किये जा रहे खिलवाड़ को लेकर बच्चों के अभिभावकों में नाराजगी देखी जा रही है। निजी विद्यालयों से शिक्षा अधिकारियों की सांठगांठ की आशंका धीरे-धीरे पनपने लगी है। स्कूली छात्राओं एवं छात्रों में हरिओम रैकवार, रेशमा कुशवाहा, भावना कुशवाहा, नंदनी कुशवाहा ने कहा जा रहा है कि जब स्कूल में गणित के शिक्षक ही नहीं हैं, तो पढ़ाई क्या खाक होगी। वैसे भी सरकारी स्कूलों से बच्चों का मोहभंग होने लगा है, जो बच्चे किसी तरह इन स्कूलों में आ रहे हैं, उनके साथ भी शिक्षा विभाग अन्याय करने में लगा है। इमारतें भले ही आलीशान बनती जा रही हो, लेकिन होने वाली पढ़ाई इन दिनों मजाक बनती जा रही है। बच्चों ने स्कूलों में शिक्षा के बिगड़ते हालातों पर चिंता जाहिर करते हुये जिला प्रशासन के आला अधिकारियों से उचित कार्रवाई किये जाने पर जोर दिया है। कहा जा रहा है कि जिले में संचालित हाई स्कूल महाराजपुरा प्राचार्य बीएल साहू द्वारा जिला स्तर के समस्त अधिकारियों एवं राज्य के अधिकारियों इस संबंध में पत्र द्वारा सूचित किया गया है, लेकिन यहां के हालात जस के तस बने हुये हैं। जिला प्रशासन शिक्षकों को संस्थान उपस्थिति नहीं करा पा रहे हैं। आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल के आदेश अनुसार गणित, विज्ञान, अंग्रेजी के विषय शिक्षकों का संलग्नि करण करने का आदेश 27 सितम्बर 2016 को जारी किया गया था, इसके बावजूद भी जिला कार्यालय के अधिकारियों द्वारा संलग्नि कराया जा रहा है। इस कारण से यहां का परीक्षा परिणाम न्यून रहता है, बच्चों के भविष्य के साथ की जा रही खिलवाड़ पर असंतोष व्यक्त करते हुये अभिभावकों ने कहा है कि बिगड़ते परीक्षा परिणाम के लिये जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कार्रवाई की जानी चाहिये।
गणित के शिक्षक नहीं, तो पढ़ाई कैसे हो
गणित जैसे विषय के शिक्षक को अन्य जगह लगाने पर राज्य शिक्षा केन्द्र की मनाही के बाद भी शिक्षा विभाग अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहा है। यहां पदस्थ गणित के शिक्षक का संलग्रिकरण कस्तूरबा छात्रावास कुंडेश्वर में किया गया है, जिस कारण यहां के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। येसा नहीं है कि यहां के प्राचार्य बीएल साहू द्वारा इसकी जानकारी नहीं दी गई है। बच्चों के भविष्य के साथ जानबूझकर खिलवाड़ किया जाना चिंता का विषय है।
कोई छुट्टी पर है, तो कोई अन्यत्र अपनी ड्यूटी लगवाये है
हाई स्कूल महाराजपुरा में आने वाले 127 बच्चों की शिक्षा का दायित्व इन दिनों केवल दो शिक्षकों पर है। वरिष्ठ अधिकारी भी इस संबन्ध में चुप्पी साधे हुये हैं। प्राचार्य श्री साहू ने बताया कि यहां के अधिकांश शिक्षक-शिक्षकाएं अवकाश पर हैं। केवल दो शिक्षक ही इन दिनों विद्यालय में मौजूद हैं। यहां मौजूद बच्चों का कहना है कि शिक्षकों के न आने से पढ़ाई हो ही नहीं पा रही है। केवल यहां बच्चों को पढ़ाने के स्थान पर उन्हें रखाने यानि कि बैठाये रहने का कार्य जारी बना हुआ है। स्कूलों की दुर्दशा से बेखबर अधिकारियों से अभिभावकों ने जल्दी ही गणित सहित अन्य विषयों के अध्यापकों को पदस्थ किये जाने की मांग की है। प्राचार्य श्री साहू ने भी बिगड़े हालातों पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
*जानकारी करने के बाद ही कुछ कह सकेंगे-श्री अहिरवार*
विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री अहिरवार फिलहाल इस जानकारी से पूरी तरह अनिभिज्ञ हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि इस मामले में जानकारी जरूर करूंगा। यदि यहां शिक्षकों की कमी है और शिक्षक नदारत हैं, तो जरूर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही गणित सहित अन्य विषयों के शिक्षकों के बारे में पता किया जाएगा।
*सरपंच प्रतिनिधि ने भी जताई नाराजगी*
सरपंच प्रतिनिधि पार्थ सिंह जू देव ने कहा कि हाई स्कूल की समस्याओं को लेकर शिक्षा अधिकारी से कई बार चर्चा की गई। लेकिन किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई। महाराजपुरा के इस विद्यालय में न तो लाइट की इंतजाम है और न ही पानी की व्यवस्था की जा सकी है। स्कूल के अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिये हरसंभव प्रयास किये जाएंगे।