सेरामानुज यादव
हरदोई सण्डीला में एक 12 साल की बच्ची के गले में एक रुपए का सिक्का फंस गया। जिससे उसकी तबियत बिगड़ गई। बच्ची को ईएनटी की ज़रूरत थी, लेकिन सण्डीला सीएचसी पर ऐसा मुमकिन नहीं था। फिर भी वहां तैनात एनेस्थेटिस्ट डा.शरद वैश्य ने अपनी जान लगा कर उस बच्ची की जान बचा ली।मामला सण्डीला सीएचसी का है।उसी कोतवाली के मोहम्मदपुर निवासी साजिद अली की 12 वर्षीय पुत्री जान्हवी के गले में एक रुपए का सिक्का फंस गया। बच्ची से सांस तक नहीं ली जा रही थी। घर वाले उसे कई डाक्टरों के पास ले गए। सभी ने उसे ईएनटी(नाक-कान-गला रोग विशेषज्ञ) के पास ले जाने की सलाह दे रहे थे। साजिद अली अपनी बच्ची को ले कर सीएचसी पर पहुंचा।वहां ड्यूटी पर तैनात एनेस्थेटिस्ट डा.शरद वैश्य से बच्ची की तकलीफ़ देखी नहीं गई, उन्होंने टीम को ओटी में तैयारी करने को कहा। डा.वैश्य ने अपनी टीम के ओटी टेक्नीशियन मंजेश, स्टाफ नर्स पुनीता व प्रीति के साथ उस बच्ची के गले में फंसे हुए एक रुपए के सिक्के को निकाल कर ही दम लिया। डा.वैश्य की मेहनत से जान्हवी की जान बचाई जा सकी।