कोरबा। पाली वन परिक्षेत्र के क्षेत्र की चैतुरगढ़ पहाडिय़ों में मवेशियों को शिकार करने वाले शिकारी जानवर को लेकर ग्रामीणों ने बाघ होने की संभावना जताई थी । वह आखिरकार सच साबित हुई। वन विभाग द्वारा लगाए गए ट्रेप कैमरे में बाघ की चहल कदमी कैद हो गई है। जिससे ग्रामीण दहशत में आ गए हैं।
कटघोरा वन मंडल के पाली उप वन मंडल के चैतुरगढ़ की पहाड़ी के आसपास विगत कुछ समय से शिकारी जानवर मवेशियों को अपना निवाला बना रहे हैं। जिसकी लिखित और मौखिक शिकायत ग्रामीणों ने वन विभाग को की है। हाल ही में चैतुरगढ़ में संतोष दास नामक ग्रामीण की गाय का शिकार किया। जहां जानवर के पदचिन्ह मिले थे जिसे लेकर ग्रामीणों ने शेर के द्वारा शिकार किए जाने की बात कही थी। इसी हफ्ते खैराबहार के निकट बामहरझूझा जलप्रपात के पास ग्रामीण पुनिराम पिता विशाल सिंह 55 वर्ष जाति निषाद मवेशियों को चरा रहा था जहां बाघ ने गाय पर हमला कर दिया। गाय मालिक के किसी तरह शोर मचाते जान बचाकर भागा इसकी सूचना पर ग्रामीणों और वन विभाग को दिया।लगातार शिकार की घटनाओं को वन विभाग ने गंभीरता से लेते हुए जंगल में कुछ जगहों पर ट्रेप कैमरे लगाए है। जिसमें बाघ और तेंदुए की मौजूदगी पता चली है जो सोशल मीडिया में वायरल भी हो रहा है।हालांकि वन विभाग ने इसकी अधिकारिक पुष्टि तो नहीं की है लेकिन ग्रामीणों को सतर्क रहने के निर्देश और हिदायत दी कि वे अकेले जंगल की ओर नहीं जाएं। बाघ आने की खबर से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।