कानपुर देहात तहसील अकबरपुर के ग्राम बैजूपुरवा निवासी पीड़ित धनश्याम पाल ने क्षेत्रीय लेखपाल व प्रधान की मिलीभगत के द्वारा पीड़ित की जमीन पर कब्जा करने का लगाया आरोप
पीड़ित कानपुर मंडला आयुक्त डीएम व एसडीएम से लगा चुका न्याय की गुहार
विपिन कुमार संवाददाता
कानपुर देहात (दैनिक अमर स्तम्भ) / पीड़ित ने बताया न्याय न मिलने पर डीएम कानपुर देहात कार्यालय के सामने आत्मदाह करने के सिवा कोई चारा नहीं।पीड़ित घनश्याम पाल ने बताया मेरे चाचा सिपाही लाल बैजूपुरवा ,मजरा भिखनापुर, तहसील अकबरपुर कानपुर देहात के कास्तकार भूमिधर थे राजस्व विभाग की चकबंदी के दौरान समाज ग्राम की आराजी संख्या 36 में14 बिस्वा ग्राम समाज है उसी में मेरी आराजी संख्या 36 (क) रकबा के लगभग 9 बिस्वा प्रार्थी के चाचा सिपाही लाल को जमीन चकबंदी के दौरान द्वारा बदले में राजस्व विभाग द्वारा दिया गया था जो राजस्व विभाग के अभिलेखों में अंकित है समाज ग्राम की 14 बिस्वा जमीन पर पूर्व प्रधान लेखपाल व वर्तमान प्रधान लेखपाल द्वारा पैसा लेकर कब्जा करा दिया गया है समाज ग्राम की लगभग पूरी जमीन पर लोगों का कब्जा है । पीड़ित की आराजी संख्या 36( क) पर लेखपाल व प्रधान द्वारा फर्जी तरह लेखपाल से पैमाइश कराकर कब्जा जिसकी जा रहा है जिसकी पीड़ित द्वारा शिकायत जिला अधिकारी व उप जिलाधिकारी से कर चुका है जिसको प्रशासनिक अधिकारी संज्ञान में नहीं ले रहे हैं वर्तमान प्रधान ने दबंगई दबंगई के बल पर चोरी से चिलबिल का पेड़ कटवा दिया और कई पेड़ लगे हुए हैं जमीन पर जबरदस्ती जेसीबी चलवा कर गड्ढे खुदवा रहा है रूरा थाना अध्यक्ष को शिकायत करने के बावजूद भी पुलिस और संबंधित अधिकारी मूकदर्शक दर्शक बने हुए लेखपाल व प्रधान के खिलाफ हिम्मत नहीं जुटा पा रही है प्रधान के पिता कानपुर देहात जिला अध्यक्ष बसपा हैं। पीड़ित कानपुर शहर में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है प्रधानी के चुनाव रंजिश में वोट ना देने पर प्रधान द्वारा द्वेष भावना से कार्य किया जा रहा है ।पीड़ित ने कानपुर मंडल आयुक्त डीएम व एसडीएम व मुख्यमंत्री से की मांग
आराजी संख्या 36(क) जोकि तहसील में सरकारी अभिलेखों में दर्ज है उसको मौजूदा क्षेत्रीय लेखपाल के अलावा राजस्व विभाग की संयुक्त टीम गठित कर उक्त जमीन की पैमाइश व चिन्हित कराने की मांग की है और जब तक जमीन चिन्हित ना हो जाए तब तक के लिए प्रधान को किसी भी प्रकार का जमीन पर निर्माण कार्य कराने से रोका जाए। न्याय न मिलने पर कानपुर मंडल आयुक्त कार्यालय या फिर डीएम कार्यालय कानपुर देहात के सामने आत्मदाह करने के सिवा कोई चारा नहीं है।