जीव में अभिमान आने पर दूर हो जाते हैं अभिमान
किशनी के बुढ़ौली में श्रीमद भागवत का छठवां दिन
किशनी/मैनपुरी।(अमर स्तंभ)क्षेत्र के ग्राम बुढ़ौली में मुंशीलाल कश्यप के आवास पर चल रही श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन की कथा प्रारंभ करते हुए कथा आचार्य अनूप वशिष्ठ जी महाराज ने भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रास लीला का वर्णन करते हुए बताया कि रास तो जीव का शिव के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। इसमें कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्व सामर्थ्य के साथ आक्रमण किया है, लेकिन वह भगवान को पराजित नहीं कर पाया उसे ही परास्त होना पड़ा है। गोपी गीत पर बोलते हुए व्यास ने कहा जब तब जीव में अभिमान आता है, भगवान उनसे दूर हो जाते है, लेकिन जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते हैं, उसे दर्शन देते है।भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ, लेकिन रुक्मणि को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया। इस कथा में समझाया गया कि रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी हैं और वह नारायण से दूर रह ही नहीं सकती। धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत: ही प्राप्त हो जाती है। श्रीकृष्ण भगवान व रुक्मणि के अतिरिक्त अन्य विवाहों का भी वर्णन किया गया। कथा में राजेंद्र सिसौदिया, बलबीर सिंह सेंगर,अनूप सिसौदिया, ललित चौहान, लखन सिसौदिया, सुनील कश्यप, किशन कश्यप, मुरली कश्यप, राजू कश्यप, रामनाथ पाल, बंटी भदौरिया, अजीत भदौरिया, अरुण सिसौदिया आदि उपस्थित थे।