पप्पू यादव (ब्यूरो प्रमुख) यूपी
कानपुर (अमर स्तम्भ) / श्रीमद्भागवत कथा के षष्ठम दिवस पर आचार्य अभिषेक शुक्ल जी ने कहा की मन का कर्म संकल्प तथा विकल्प करना है,मन अद्भुत शक्ति से संपन्न है,मनुष्य के बन्धन एवं मोक्ष का कारण मन ही है,संयत मन मनुष्य का मित्र है और असंयत मन शत्रु हैऔर कहा की बल,विवेकादि से संपन्न होने पर भी मनुष्य यदि परहित या परोपकार गुण से संपन्न नहीं है तो वह अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए मानवता का घोर अकल्याण भी कर सकता है,इसलिए प्रत्येक प्राणी में परोपकार या परहित की भावना तथा उसके अनुरूप कार्य में संलग्नता आवश्यक है।
रासलीला की कथा का वर्णन करते हुए कहा की भगवान् ने गोपियों के साथ जैसे ही नृत्य करना प्रारम्भ किया गोपिकाओं के मन में सौभगमद जागृत हो गया,जिसका दर्शन करते ही भगवान् सद्य: अंतर्ध्यान हो गए,गोपियों ने भगवान् को विविध भांति खोजते हुए गोपी गीत गाया जिसके दिव्य भावों को बड़ी ही वैदुष्यता के साथ वर्णित किया,अक्रूर आगमन,कंस वध, भ्रमरगीत आदि कथाओं का वर्णन करते हुए रुक्मिणी विवाह की कथा सम्पन्न हुई!
इस अवसर पर आयोजक…….प्रांत सह कारवाह श्रीमान भवानी भीख ,,वीरेंद्र मिश्रा अभिषेक अभिषेक शास्त्री ,आस्था , संध्या गुप्ता ,अवध बिहारी मिश्रा ,सदस्य विधान परिषद अरुण पाठक ,ज्योतिषाचार्य नरेंद्र शास्त्री आदि उपस्थित रहे ,संत पूजन बटुक ब्राह्मण पूजन 18 तारीख को मध्यान्ह 12:00 बजे होगा ,विशेष कामना पूर्ति यज्ञ प्रातः 9:00 बजे 18 तारीख को