एस एस आई ई आर टी के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण सम्पन्न,
जे पी शर्मा / स्थानीय संपादक, दैनिक अमर स्तम्भ।
जयपुर राजस्थान। महापुरा ग्राम में राजस्थान राज्य संस्कृत शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (एसआईईआरटी) के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण प्रदेश के शिक्षा मंत्री डां. बुलाकी दास कल्ला ने किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता स्थानीय विधायिका गंगा देवी ने की। अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में संस्कृत शिक्षा राजस्थान की शासन सचिव पूनम (आईएएस) एवं विशिष्ट अतिथि जिला परिषद जयपुर सदस्य हरि सहाय यादव रहे। मुख्य अतिथि डॉ . बी .डी . कल्ला ने कहा की संस्कृत भाषा प्राचीन भाषा है तथा इसमें निहित ज्ञान विज्ञान के अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है। संस्कृत भाषा पूर्णतया वैज्ञानिक एवं अन्य भाषाओं की जननी भी कही जाती है। डॉ .कल्ला ने संस्कृत शिक्षा को राज्य सरकार द्वारा सामान्य शिक्षा का 10 % बजट दिए जाने की जानकारी दी। अध्यक्षता कर रही गंगा देवी ने संस्कृत को समाज की आवश्यकता बताया और कहा कि आज की युवा पीढ़ी को संस्कारित करने की महती आवश्यकता है इसमें संस्कृत भाषा का बहुत बड़ा योगदान है । इस अवसर पर विधायिका गंगा देवी ने संस्थान में फर्नीचर बनाए जाने हेतु अपने विधायक कोष से ₹1000000 (दस लाख ) रुपये देने की घोषणा भी की।
अति विशिष्ट अतिथि शासन सचिव संस्कृत शिक्षा राजस्थान श्रीमती पूनम ने कहा कि सरकार के स्तर पर संस्कृत के उत्थान में कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने प्रशिक्षण एवं अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया कहा कि प्रशिक्षण शिक्षकों के सेवाकाल में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। जिला परिषद सदस्य एवं पूर्व प्रधान हर सहाय यादव ने कहा कि महापुरा गांव संस्कृत के क्षेत्र में विशेष महत्व रखता है तथा यहां की वरिष्ठ उपाध्याय, एस. टी .सी . विद्यालय एवं संस्कृत महाविद्यालय के विकास में यह गांव सदैव तत्पर रहता है और आगे भी रहेगा। निदेशक संस्कृत शिक्षा राजस्थान डॉ. भास्कर शर्मा ‘श्रोत्रिय’ ने कहा कि इस संस्थान द्वारा पांडुलिपियों का शोध अनुसंधान एवं सेवारत कार्मिकों को प्रशिक्षण दिए जाने में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। इन सब कार्यों को एससीईआरटी उदयपुर की तर्ज पर किया जायेगा। राज्य सरकार के द्वारा संस्कृत शिक्षा विभाग को यह एक अमूल्य निधि प्रदान की गई है।
संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सी. पी. शर्मा ने सम्मानीय अतिथियों का स्वागत किया एवं कहा कि राजस्थान प्रदेश में संस्कृत के क्षेत्र में नवाचारों के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा तथा समय-समय पर विभिन्न विषयों पर अनुसंधानपरक कार्यों को भी संस्थान द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही डॉ . शर्मा ने संस्थान में प्रचलित गतिविधियों तथा संस्थान की संरचना व स्वरूप के बारे में बताया।
बहादुर सिंह गुर्जर सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा ने सभी अतिथियों एवं आगंतुकों का आभार प्रकट किया तथा संस्थान अपने उद्देश्यों में सफल होगा ऐसी मंगल कामना की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. डी. पी. शर्मा उपनिरीक्षक संभाग कार्यालय जयपुर ने किया। कार्यक्रम में न केवल महापुरा गांव के अपितु आसपास के गांव के भी सैकड़ों प्रबुद्ध जन एवं संस्कृत अनुरागी जन सम्मिलित हुए।