— सूचना होने के बावजूद एसडीआरएफ टीम की शिथिलता पर भड़के ग्रामीण
मुरारी कुमार चौधरी ब्यूरो चीफ
महुआ ( दैनिक अमर स्तम्भ ) । महुआ नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत एक पंद्रह वर्षीय बच्चे की स्नान के दौरान हुई मौत के पश्चात दिन वृहस्पतिवार को स्थानीय ग्रामीणों द्वारा लगातार शव बरामदगी को लेकर किए गए प्रयास की वजह से नगर क्षेत्र निवासी प्रकाश कुमार का शव पानीं में उपलाता नजर आया। जिसके बाद तुरंत ही वहां के स्थानीय गोताखोरों ने शव को नदी से बाहर निकाला। इधर 18 घंटे के बाद हुए शव बरामदगी को लेकर स्थानीय ग्रामीणों का एसडीआरएफ टीम के ऊपर जमकर गुस्सा फूटा। स्थानीय लोगों ने बताया कि बुधवार के दिन ही यहां पहूंचे प्रशासनिक पदाधिकारी , विधायक तथा नगर परिषद जनप्रतिनिधियों के द्वारा गोताखोर की टीम को बच्चों के डूबने की सूचना समय से दे दी गई थी। परंतु एसडीआरएफ टीम के द्वारा इस मामले में घोर लापरवाही बरती गई है। बताते चले की इस दुखद घटना को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने कुणाल नर्सिंग होम के निकट भीबीपी स्कूल के सामने बांस – बल्लो से घेर कर महुआ – ताजपुर मुख्य मार्ग को बुरी तरह बाधित कर दिया। इस दौरान आवागमन कर रहे राहगीरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। जाम की वजह से मुख्य मार्ग लगभग दो घंटों तक बुरी तरह ठप रहा। इधर बात करें तो शव मिलने की सूचना पर महुआ थानाध्यक्ष प्रभात रंजन सक्सेना , अंचलाधिकारी अमर कुमार सिन्हा , नगर परिषद सभापति नवीन चंद्र भारती , वार्ड पार्षद मोहम्मद वसीम , नगर परिषद उपसभापति श्रीमती रोमी यादव , युवा समाजसेवी चंदन कुमार , समाजसेवी अरुण कुमार सिंह , महुआ पैक्स अध्यक्ष रामाशंकर यादव , राजा यादव सहित दर्जनों लोग उक्त स्थल पर पहुंचकर परिवार में बुरी तरह रोते – बिलखते परिजनों को ढांढस बंधाया। वहीं दूसरी तरफ डूबने से हुई लड़के की मौत पर कागजी प्रक्रिया पूरी करने के पश्चात सड़क जाम किए आक्रोशित स्थानीय लोगों को महुआ पुलिस ने समझा बूझकर मुख्य मार्ग पर लगे जाम को खुलवाया। जिसके बाद कहीं जाकर महुआ – ताजपुर मुख्य मार्ग वाहनों का संचालन पुनः प्रारंभ हुआ। मौके पर शव बरामद होने के बाद महुआ पुलिस ने 15 वर्षीय प्रकाश कुमार की लाश को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में रेफर कर दिया। हालांकि इस दौरान उक्त स्थल पर घंटों अफ़रा-तफ़री का माहौल कायम रहा।