इमरान खान
इटावा/ताखा (दैनिक अमर स्तंभ)
कर लिया गया है प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थी को आवास के निर्माण के दौरान 90 दिन की मजदूरी का पैसा मनरेगा से दिया जाता है लेकिन रोजगार सेवको व अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत से भारी संख्या मे लाभार्थियों के इस पैसे को उनके खाते में न भेजकर दूसरो के खातो मे पैसा भेजकर लाखो रूपए डकार लिए गए हैं ग्राम प्रधान और लाभार्थी तीन वर्ष से शिकायत करते चले आ रहे हैं जांच होने के बाद भी आज तक लाभार्थियों को उनकी मजदूरी का पैसा नही मिल पाया है
ताखा क्षेत्र मे आज भी ग्राम पंचायतो मे जाने बाला पैसा विकास कार्यो की जगह कागजो पर खर्च हो रहा है लाखो रूपए के कार्य कागजो पर कर दिए जाते हैं और धरातल पर पता ही नही चलता है जब ग्रामीणों को काफी दिन गुजरने के बाद कागजो पर काम की जानकारी होती है तो शिकायत तो की जाती है लेकिन यह शिकायत भी कागजो पर दौडती है बडे अधिकारी जांच के आदेश करते हैं फिर जांच के नाम पर ज्यादातर शिकायते दोहन का शिकार होकर दबकर रह जाती है और जिन शिकायतों मे अधिकारी निष्पक्षता से जांच कर देते हैं उनमे रिकवरी के आदेश होते हैं लेकिन रिकवरी के आदेश होने के बाद भी मामले को किस तरह दबा दिया जाता है इसका उदाहरण भी ताखा ब्लाक मे ही देखने को मिलेगा ताखा क्षेत्र की ग्राम पंचायत दीग मे वर्ष 2019 एवं 2020 मे तत्कालीन ग्राम प्रधान कन्हैया यादव ने अपनी ग्राम पंचायत मे लगभग एक दर्जन विकास कार्यो को कागजो पर दर्शाकर दस लाख रूपए से अधिक घोटाले का आरोप लगाया था जिसमे सडक नाली और तालाब के अलावा गरीबो को मिलने वाले आवासों मे लाभार्थियों को मनरेगा मजदूरी के 90 दिन की मजदूरी न मिलने की शिकायत भी शामिल थी इस मामले मे जांच की गई तो शिकायत भी सही पाई गई और दोषियों पर रिकवरी के आदेश किए गए लेकिन ये आदेश तीन वर्ष बीतने के बाद भी हवा हवाई बने हुए हैं न तो रिकवरी हुई और न ही आवास बनाने वाले लाभार्थियों को उनकी मनरेगा मजदूरी का अंश मिल सका पिछले तीन साल से शिकायत करते चले आ रहे गरीबो ने अभी भी हार नही मानी है उन्हे अभी भी दोषियों पर कारवाई और अपनी मेहनत की मजदूरी मिलने का पूरा भरोसा है इसलिए उन्होंने अब एक बार फिर ब्लाक प्रमुख प्रतिनिध ध्रुव यादव एंव खंड विकास अधिकारी ताखा राजकुमार शर्मा से शिकायत की है दीग ग्राम पंचायत की रूबी देवी जगराम धनदेवी गायत्री देवी ने शिकायत करते हुए बताया उन्हे प्रधानमंत्री योजना से आवास मिला था आवास मे मिलने वाली धनराशि के अतिरिक्त लाभार्थी को 99 दिन की मजदूरी का भुगतान भी मनरेगा से देने का प्रावधान है लेकिन रोजगार सेवक व अन्य लोगो के घालमेल के चलते उन्हे 90 दिन की मजदूरी का भुगतान नही दिया गया है उक्त भुगतान को रोजगार सेवक की शह पर किसी अन्य खाते में लाभार्थी की बिना मर्जी के डालकर भुगतान कर लिया गया है पीडित तीन साल से भुगतान के लिए भटक रहे हैं लेकिन आजतक भुगतान नही मिला है इस संबंध मे ब्लाक प्रमुख प्रतिनिध ध्रुव यादव ने बताया गरीबो को मिलने वाले आवासों मे उनकी मजदूरी का लाखो रूपए हडपना गरीबो के साथ आघात है पूरे मामले मे निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरूद्ध कारवाई क़ी जाए इस संबध मे खंड विकास अधिकारी ताखा राजकुमार शर्मा ने बताया शिकायत मिली है लेकिन पोर्टल पर अभी पुरानी आईडी नही खुल रही है इसलिए जांच नही हो पा रही पुरानी आईडी को खोलने का प्रयास किया जा रहा है जिसके बाद जांच संभव है वही इस मामले मे पीडितों का कहना है उनके पास पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है जिनके आधार पर दोषियों पर कारवाई की जानी चाहिए बता दे पिछले हफ्ते ही ताखा की ग्राम पंचायत पुंजा मे भी मरे हुए व्यक्ति के नाम पर मनरेगा से मजदूरी कराने और उसका पैसा भी निकालने का मामला सामने आया है इसकी जांच भी कागजो पर ही दौड रही है मरे हुआ व्यकित तेरह महीने से अधिक कागजो पर काम करता रहा और भुगतान लेता रहा इसके बाद भी एक हफ्ता बीतने के बाद भी जांच किसी नतीजे तक नही पहुच पाई है