महेश प्रताप सिंह (ब्यूरो चीफ)
कानपुर (अमर स्तम्भ) / शनिवार को जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घाटमपुर का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी सुधीर कुमार, उप जिलाधिकारी घाटमपुर तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक घाटमपुर उपस्थित रहे। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा दवा वितरण कक्ष, इमरजेंसी, महिला पुरूष वार्ड, पैथोलॉजी तथा द्वितीय तल के समस्त वार्ड आदि का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान महिला शौचालय में गंदगी तथा पुरुष शौचालय में ताला बंद मिला पाया गया जिसके दृष्टिगत जिलाधिकारी द्वारा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घाटमपुर को कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देशित किया गया कि प्रत्येक स्थिति में समस्त शौचालय की नियमित साफ- सफाई सुनिश्चित की जाए तथा किसी भी दशा में अस्पताल के किसी भी शौचालय में ताला बन्द नही होना चाहिए । निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिषद में अत्यंत गंदगी मिलने के दृष्टिगत अधीक्षक को निर्देशित करते हुए कहा कि अभियान चलाकर समस्त परिसर की नियमित साफ- सफाई कराना सुनिश्चित करें। साथ ही आने वाले मरीजों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि निष्प्रयोज्य भवनों को ध्वस्त करने की कार्यवाही की जाए तथा परिसर में खड़ी निष्प्रयोज्य 108 एम्बूलेन्स व अन्य वाहनों हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किए जाने हेतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखने के निर्देश दिए गयें। निरीक्षण के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घाटमपुर में डॉक्टरों की कमी को पूर्ण करने हेतु शासन को पत्र लिखने के निर्देश दिए गए। साथ ही मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घाटमपुर में सीएसआर फंड के माध्यम से आधुनिक आई स्पेशलिटी संसाधन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी द्वारा परिसर में बने 30 बेड शैय्या मातृ एवं शिशु चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया गया । निरीक्षण के दौरान परिषद में काफी गन्दगी तथा लिफ्ट खराब मिली। निरीक्षण के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि कार्यदाई संस्था यूपीपीसीएल द्वारा बनाई गई नई बिल्डिंग में ड्रेनेज सिस्टम खराब है जिसके कारण जल निकासी की समस्या उत्पन्न रहती है जिस पर जिलाधिकारी द्वारा संबंधित कार्यदाई संस्था को समुचित निदान हेतु पत्र लिखने के निर्देश मुख्य विकास अधिकारी को दिए गए।