महेश प्रताप सिंह (ब्यूरो चीफ)
कानपुर (अमर स्तम्भ) / कानपुर महानगर में होली के संगीत में नाचते झूमते दिखे लोगो के साथ बच्चों ने भी पिचकारी से रंग डालकर होली का जश्न मनाया।
प्रेम और सौहार्द के त्यौहार रंगोत्सव पर पूरा शहर रंग से सराबोर है रविवार की रात होलका दहन के बाद ही पूरा शहर होली की मस्ती में डूब गया था लोगों ने शहर में घूम घूम कर होली है भाई होली है का शोर भी मचाया। जैसे ही सुबह हुई तो बच्चों के साथ-साथ बड़े भी सड़क पर आ गए और होली के मस्ती में डूबते हुए एक-दूसरे पर रंग डालते रंगोत्सव पर्व मनाया एक दूसरे को रंग अबीर गुलाल लगाने में लोग जुटे दिखे बच्चे और महिलाएं भी छत के ऊपर जाकर आने जाने वाले लोगों को रंग डालकर होली पर्व का आनंद ले रहे थे हर जगह हुरियारों ने धूम मचाई हुई है।
बच्चों संग बड़ो भी होली के मस्ती में डूबे हुए हैं बच्चों ने अलग-अलग प्रकार की पिचकारी से रंग छोड़ रहे है किसी को तोप नुमा पिचकारी कोई को एके-47 पिचकारी भा रही थी नेताओं व राक्षसों के मुखोटे लगाएं बच्चे लोगों से लोगों को रंग से सराबोर करने से नहीं चूक रहे थे युवाओं ने तो कई जगह लोगों को पकड़ पकड़ रंग से रंगा।
ज्योतिष के जानकार आचार्य राजीव कुमार पांडे ने बताया की होली का महत्व हमारे जीवन के हर पहलू में महसूस किया जाता है क्योंकि इस दिन हम सब अपने मतभेदों को भूल जाते हैं त्यौहार की खुशियों को साझा करने के लिए एक दूसरे को रंग गुलाल लगाते हैं और गले मिलते हैं यह ऐसा त्यौहार है जो सभी के जीवन में बहुत सारी खुशियां और रंग भरता है लोगों के जीवन को रंगीन बनाने कारण ही से आमतौर पर रंगोत्सव कहते हैं यह लोगों के बीच एकता और प्यार लाता है वह कहते हैं कि होली का त्यौहार भारतवर्ष में वैदिक काल से मनाया जाता है।