दिल के अरमां आंसुओं में बह गए।
हाय हम पी एम बनते रह गये।
मैंने सोचा था हमी बन जांयगे,
अड़तीस पार्टी जोड़ीं फिरभी रह गये।
मोदी जी का आख़िरी सायद ये दौर।
हम ये ही सोचकर सब पीछे रह गये।
लेकिन बाद में योगी जी बनकर आएंगे।
इससे तो हम बहुत अंदर से डर गये।
जब तक योगी मोदी हैं नामुमकिन है।
बस यही तो सोचकर हम जा रहे।
आठ हजार पांच सौ रुपयों का लालच दिया।
इक लाखका वादा किया हम 99,पे रह गये।
हमने तो मंदिर में जा महाकाल के दर्शन किए।
पी एम बनने की ही खातिर क्वारे रह गये।
हाय हम पी एम बनते रह गये।।
उर्मिला पाण्डेय मैनपुरी।