खबर का भी नहीं हुआ कोई असर * टैगोर गली वासी। न्यू शिव नगर कालोनी वार्ड सं 6 में स्थित टैगोर गली वासियों का आखिर क्या कसूर है जो कि उन्हें विकास से वंचित रखा जा रहा है। वार्ड सभाषद प्रतिनिधि की भ्रष्टता इतनी व्याप्त है कि अवैध जल संयोजन तक करा देता है। जल संयोजन करने वाले कर्मियों से प्रति संयोजन बीयर तक के लिए धनराशि लेता है। क्या ऐसे वर्तमान सभाषद को चुन लेना इस गली के लिए अभिशाप है। 3 माह से ज्यादा समय बीत जाने के उपरांत भी गली में नाली व निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं कराया है। अमर उजाला द्वारा जिला परियोजना अधिकारी व उक्त दलाल सभाषद प्रतिनिधि राकेश दिवाकर का भी वर्जन लिया गया जिसमें आचार संहिता की वजह से कार्य न होना व 2- 4 दिन में ही टैगोर गली व नाली निर्माण कार्य की बात कही थी। जबकि आचार संहिता से तो पूर्व में ही वर्क आर्डर मिल चुका था। प्रश्न ये उठता है कि यदि गली व नाली निर्माण कार्य का वर्क आर्डर ही नहीं मिला था तो ईंट बेचने की इतनी क्या जल्दी थी कि गली की इंटर लॉकिंग उखाडकर उसमें से सही ईंटो को निकालकर बेच दिया व टूटी हुई ईंटे लाकर उस गली में डाल दी गई हैं। जिन पर चलना भी दूभर है आए दिन गली वासी व राहगीर गिर गिरकर चुटैल हो रहे हैं। बुजुर्ग और बच्चों का तो और जयादा बुरा हाल है । सबसे पहले टैगोर गली की ही इंटर लॉकिंग को उखाडा गया है। अमर उजाला व अन्य समाचार पत्रों में उक्त खबर प्रमुखता से छपने के बाद तो उक्त सभाषद प्रतिनिधि राकेश दलाल बौखला गया है। और कहता फिर रहा है कि टैगोर गली का निर्माण कार्य अब तो सबसे बाद में ही होगा। बारिश में इनको दलदल में ही मरने व सडने दो। स्ट्रीट लाइट तक सही नहीं करा रहा है। और न ही सफाई कार्य हो पा रहा है। आलम यह है कि नाले से उक्त गली की नालियां व गली नीची होंने के कारण लोगो के प्लाटों व घरों में गंदा पानी रिटर्न हो रहा है। गली के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। इस वार्ड सभाषद प्रति निधि राकेश दलाल को तो इतना अभिमान है कहता है कि अमर उजाला या अन्य पेपर मेरा क्या उखाड लेंगे। इस प्रकरण की उच्चाधिकारियो से जांच की गली वासियों ने मांग कर ऐसे निकृष्ट दलाल भ्रष्ट सभाषद की सदस्यता समाप्त की जाए। एवं प्रतिनिधि का हस्तक्षेप बंद कर अविलंब बरसात से पूर्व निर्माण कराया जाए।