सामने तुम आओ मैं मुस्कुराता रहूं
तुम्हें देख कर मैं गीत गाता रहूं
तेरी खूबसूरती से गजल बन जाए मेरी
बस हर पल मैं तुझे निहारता रहूं
तेरी सादगी पर मैं मर मिटा हूं
और किसी को देखूं अब चाहत नहीं
टूटे दिल को जोड़ने की कुवैत तुझ में थी
वरना मैं बिखर गया था एक टूटे शीशे की तरह
चांदनी की तरह बिखरी है तेरी मुस्कान
चांद को नजर कर दो दिल के अरमान
टूटे ख्वाब की तरह थी मेरी जिंदगी
गिर गिर के संभला हूं मैं तेरी पनाह में
दूर से सिसकियां जो तुमने मेरी सुनी
तेरी खुशियों में शामिल मेरी जिंदगी।।
ममता की क़लम से स्वराचित