जयपुर। आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में गुरुवार को झूला महोत्सव का शुभारंभ हुआ। ठाकुरजी राधा रानी संग रियासतकालीन चांदी के झूले में झुलें। महोत्सव में ठाकुरजी को लहरिया और जामा पोशाक धारण करवाई गई। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि झूला महोत्सव से पूर्व ठाकुरजी पताका आसन पर विराजमान थे। गुरुवार को झूले के आसन पर विराजमान किया गया है। रियासतकालीन चांदी का झूला बहुत भारी और कलात्मक है। सांगवान की लकड़ी पर चांदी का पतड़ा चढ़ाया हुआ है। इसके अलग-अलग हिस्से जिन्हे एक किया जा सकता है। सावन माह में ठाकुरजी को लहरिया पोशाक धारण करवाई गई । झूला महोत्सव के दौरान ही मंदिर परिसर में सिंजारा,तीज और रक्षाबंधन पर विशेष उत्सव का आयोजन किया जाएगा। महोत्सव में चांदी के झूले में ठाकुरजी को विराजमान कर उन्हे झूलाया जाएगा और घेवर का भोग लगाया जाएगा।