एटा से रवेन्द्र जादौन की खास खबर
जनपद में शरदीय नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार से हो रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दौरान विधि विधान से मां दुर्गा की पूजा करने से मनुष्यों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार शरदीय नवरात्रि का पर्व 3 अक्टूबर 2024 से प्रारंभ होकर 11 अक्टूबर 2024 को समाप्त होना है। इन नौ दिनों में उपवास रखकर दुर्गा देवी की पूजा की जाती है। दुर्गा सप्तशती का पाठ, दुर्गा स्तोत्र और दुर्गा चालीसा के साथ रामचरितमानस का भी पाठ विधि विधान से किया जाता है। भक्ति भाव से आराधना करने से दुर्गा मां प्रसन्न होती है। विद्वानों का मत है कि इस बार माता पालकी में विराजमान हो कर आ रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार एक दिन पहले जौ को पानी में भिगोकर रख ले और अंकुरित होने दें। अगले दिन कलश स्थापना व प्रतिमा के स्थापना के समय पूजा की विधि विधान से प्रारंभ कर मां दुर्गा की प्रतिमा लगाकर पूजा पाठ प्रारंभ कर दें। घर में धूप और दीप अवश्य जलाएं। 9 दिनों तक विधि विधान से दुर्गा मां की आरती पूजा और हवन इत्यादि कर भोग लगाकर प्रसाद वितरण करने का दौर प्रारंभ हो गया है। आज हर घर में दुर्गा मां स्थापित की गई है। 9 दिनों तक यथाविधि मां की पूजा अर्चना वंदना प्रारंभ हो गई है। आज फरीदपुर में मां दुर्गा की प्रतिमा की प्रभात फेरी लगा कर स्थापित की गई है। दीपू पंडित ने विधि विधान से पूजा अर्चना कर मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त किया है।