सेल्फ खराब होने पर 4 दिनों से कार्यशाला में खड़ी रोडवेज बस
संविदा चालक परिचाल मायूस होकर घर वापस लौटे नहीं मिली ड्यूटी
लखनऊ। राजधानी लखनऊ की गोरखपुर मार्ग पर संचालित होने वाली हैदरगढ़ डिपो की रोडवेज बस एक ही डिफेक्ट में लगभग चार दिनों से कार्यशाला में खड़ी है।
गौरतलब रहे कि परिवहन निगम लखनऊ क्षेत्र के हैदरगढ़ डिपो में प्रतिदिन लखनऊ से गोरखपुर मार्ग पर संचालित होने रोडवेज बस 30 सितंबर को यूपी 77 ए एन 1892 यात्रियों को लेकर गोरखपुर जा रही थी। रास्ते में सफदरगंज पहुंचने पर रोडवेज बस के सेल्फ से धुआं निकलने लगा। बस से धुआं देख सभी यात्री घबरा गये। जब चालक ने देखा तो बस का सेल्फ जल चुका था। सेल्फ पूरी तरह खराब हो गया और बस बंद हो गई। बड़ी मशक्कत के बाद परिचालक ने सभी यात्रियों को दूसरी बस में ट्रांसफर दिया। बस को वापस डिपो की कार्यशाला लाया गया। हैदरगढ़ कार्यशाला में सेल्फ सही ना हो सका। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार खराब सेल्फ को बनने के लिए क्षेत्रीय कार्यशाला में भेज दिया गया। 30 सितंबर से 4 अक्टूबर बीत जाने के बाद भी सेल्फ बनकर कार्यशाला नहीं आ सका। परिवहन निगम में आय की अगर बात की जाये तो 20 हजार रूपये प्रति रोडवेज बस की प्रतिदिन की आय है। क्षेत्रीय कार्यशाला में समय से कार्य न होने पर परिवहन निगम को प्रति दिन के हिसाब से 80 हजार का भारी नुकशान हो चुका है। यात्रियों को सेवाओं से वंचित रखने का काम किया जा रहा है।
विशेष सूत्रों से प्राप्त हुआ है कि हैदरगढ़ डिपो में मौखिक समयानुसार बसों का संचालन किया जा रहा है। बीते दिनों पहले जगदीश प्रसाद एआरएम ने बताया था कि हमारे यहां की प्रत्येक वाहन समय से संचालित हो रहा है। जब इसकी पड़ताल की गयी तो सब झूठी बातों का मायाजाल पाया गया। जबकि कुछ ही रोडवेज बसों को छोड़ कर सभी गाड़ियां मनमाने ढंग से संचालित हो रही हैं। जब कभी भी संविदा चालक, परिचलकों के द्वारा समय सारणी की मांग की जाती है तो धमका कर चुप करा दिया जाता है। गोरखपुर, दिल्ली, सुल्तानपुर, कानपुर व अन्य मार्ग पर संचालित होने वाली रोडवेज बसों को यदि लखनऊ समय से मार्ग पर चली गयी तो अन्य क्षेत्रों में कही भी कोई समय नहीं है। आये दिन कार्यशाला में बसें डिफेक्ट में खड़ी होती है। जिसकी वज़ह से बसें समय से नहीं निकलपती डिपो के फोरमैन कुछ रोडवेज बसों को विशेष सेवा प्रदान करवा रहे है। रोडवेज बसों में पायी जाने वाली आपत्तिजनक वस्तुओं के बारे में फोरमैन अपना पल्ला झाड़ लेते है। इतना ही नहीं एआरएम के समझने के बाद भी हैदरगढ़ डिपो की बसों में आपत्तिजनक वस्तुए पायी जा रही है। डिपो के कुछ चालक ड्राइविंग के समय मोबाइल पर बात, ड्यूटी के दौरान चारबाग में अनुबंधित चालकों से साथ गांजा पीते नजर आते है। जबकि परिवहन निगम मुख्यालय के आदेश है कि चालक के ड्यूटी जाने से पूर्व और ड्यूटी क्व दौरान एल्कोहल चेक किया जाये। एल्कोहल पाने जाने की दशा में चालक को मार्ग पर न भेजा जाये। डिपो के अधिकारीयों ने मुख्यालय के आदेशों को दरकिनार कर अपनी हुकूमत इख़्तियार कर ली है। अब देखना होगा कि एआरएम हैदरगढ़ डिपो इस पर क्या अम्ल करते है।