परिवहन निगम के अस्तित्व को बचाने एवं 55 हजार कर्मियों के भविष्य को सुरक्षित करने का लक्ष्य तय
तबरेज़ आलम, लखनऊ
लखनऊ (दैनिक अमर स्तम्भ)। राजधानी लखनऊ में गुरुवार चारबाग बस स्टेशन पर सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ के सभी पदाधिकारी सहित कार्यक्रम में प्रवेशक सर्व सुभाष चंद्र तिवारी,मंत्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश, अविनाश चंद श्रीवास्तव,अध्यक्ष उद्यान महासंघ उत्तर प्रदेश में एकत्रित हुये। चारबाग बस स्टेशन से कार्यक्रम का आगाज़ हुआ। जागरूक अभियान शुरू होने के साथ आलमबाग बस स्टेशन पर भी पर मुख्यालय को निजीकरण, पी पी पी मॉडल, ठेकेदारी और एजेंसी के माध्यम से निगम के अस्तित्व को मिटाने की साजिश को विफल करने के लिए कठोर आंदोलन/कार्यबहिष्कार किया। त्रिलोकी व्यास (प्रदेश अध्यक्ष) व जसवंत सिंह (प्रदेश महामंत्री) सेन्ट्रल रीजनल वर्कशाप कर्मचारी संघ ने बताया कि मेरे संगठन तथा मेरे द्वारा साथ अभी तक 15 छेत्र और 68 डिपो का दौरा किया जा चुका हैं। परिवहन निगम के कार्मिकों जिनका भविष्य प्रभावित होगा से संघठन द्वारा आंदोलन किया जाना है उससे सहमत अथवा असहमत हैं लिखना है इस रेफरेंडम में सभी कार्मिक पत्र के माध्यम सहमती अथवा असहमति प्रदान की है। इस पूरे कार्यक्रम के होंगे जो दिनांक 12 दिसम्बर 2024 को बैलेट बॉक्स को सील किया गया और 21 दिसम्बर 2024 को पत्रों की गिनती के बाद घोषित करेंगे। उसी दिन संघठन का जन-जागरण कार्यक्रम चारबाग बस स्टेशन एवं आलमबाग बस स्टेशन पर भी होगा। जसवंत सिंह प्रदेश महामंत्री ने बताया कि जब तक समस्या का समाधान पूर्ण रूप से खत्म नहीं होगा तब तक यह आंदोलन रुकेगा नहीं।
इस आंदोलन में हमरे मुख्य बिन्दु हैं –
1. परिवहन निगम में हो रहे निजीकरण, ठेकेदारी प्रथा एवं बस स्टेशनों को पी.पी. मॉडल में 90 वर्षों के लिए लीज दिए जाने पर तत्काल रोक लगे।
2. नगरीय सीमा में होने के नाम पर शहरों से निगम बस स्टेशनों को बाहर किए जाने की योजना परिवहन निगम को समाप्त किए जाने की ओर पहला कदम है पर तत्काल रोक लगे।
3. वर्तमान के कार्यशालाओं को ठेके पर निगम खर्च सेअधिक भुगतान पर दिए जाने की कार्यवाही निगम के अस्तित्व को मिटाने की है को तत्काल रोका जाए।
4. डग्गामार संचालन जो जीप, टेम्पो, कारों, बसों द्वारा तहसील शहरों से हो रहा है एवं राष्ट्रीयकृत मार्गो से लग्जरी बसों द्वारा किया जा रहा पर रोक लगे।
5. उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा संविदा चालकोध्परिचालको का दो बार नियमितिकरण एवं आज भी सविदा चालकों परिचालकों को उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के संविदा कार्मिकों से अधिक प्रति किलोमीटर अधिक भुगतान हो रहा है अतःसंविदा चालकों परिचालकों एवम् आउट सोर्सिंग कर्मियों को उत्तराखंड के समान भुगतान हो की योजना बना कर तत्काल लागू किया जाए।
6. नियमित कार्मिकों के लगभग समस्त वेतन मान, महगाई भत्तो को विलम्ब से किया जाता रहा है जिससे निगम के नियमित कार्मिक शोषित है सरकार के समझौते के अनुसार राज्य कर्मचारियों के समान हित लाभ दिए जाए।
7. निगम की स्थापना के समय शासन से हुए समझौते के अनुसार राज्य कर्मचारियों की भाँती सभी हित लाभ लिगम कार्मिकों को दिए जाए।
8. आउट सोर्सिग के समस्त कार्यालय, कार्यशाला कर्मियों को निगम द्वारा उचित मान देय दिया जाए एवम् ई.एस.आई. बीमा. ई.पी.एफ. की सुविधा प्रदान की जाए।
9. मृतक आश्रितों के साथ वर्ष 2016 के शासनादेश के अनुसार 2001 तक के संविदा चालको परिचालको को तत्काल नियमित नियुक्तिया दी जाए।
10. संविदा चालकोध्परिचालकों की गलत तरीके से की गई सविंदा समाप्ति को समाप्त कर बहाल किया जाए।
11. निगम द्वारा आर्बिट्रेशन व्यवस्था नियम काजून सम्मत नहीं है ब्गलत है स्वतन्त्र अर्विटेशन की व्यवस्था लागू की जाए।