अरविन्द तिवारी
चंडीगढ़ (अमर स्तम्भ) – पंजाब में आज भगवंत मान कैबिनेट का चंडीगढ़ स्थित राजभवन के गुरू नानक देव आडिटोरियम में विस्तार हुआ। इस समारोह में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय भी मौजूद रहे। यहां 10 विधायकों ने पंजाबी भाषा में मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ली , इनमें से 08 पहली बार मंत्री बने हैं।नवनिर्वाचित विधायकों हरपाल सिंह चीमा , बलजीत कौर , हरभजन सिंह ईतो , विजय सिंघला , लाल सिंह कटरौचक , गुरमीत सिंह मीत हायर , कुलदीप सिंह धालीवाल , लालजीत सिंह भुल्लर , ब्रह्म शंकर और हरजोत सिंह बैंस को पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने मंत्री पद की शपथ दिलाई। इस मान कैबिनेट में बैंस सबसे युवा सदस्य हैं , जबकि कैबिनेट में एक मात्र महिला बलजीत कौर हैं। मंत्रिमंडल में 17 की जगह है लेकिन फिलहाल 10 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया है। मान कैबिनेट में जिन विधायकों को कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल करने के लिये चुना गया है , उनका चयन भी क्षेत्रीय संतुलन बनाने के लिये किया गया है। कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले 10 विधायकों में से 05 मालवा से , 04 माझा से और 01 दोआबा क्षेत्र से है। इनमें अलग-अलग क्षेत्रों से आने वाले लोग शामिल हैं। इनमें से 02 किसान , 03 वकील , 02 डॉक्टर , 01 सामाजिक कार्यकर्ता , 01 इंजीनियर और 01 व्यवसायी को शपथ दिलाई गई है। नये मंत्रियों के शपथ लेने के बाद सरकार में सीएम भगवंत मान सहित चार जट्टसिख , तीन हिंदू और चार अनुसूचित जाति के मंत्री हैं। बाद में मंत्रिमंडल का और विस्तार किया जायेगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सभी नये मंत्रियों को बधाई और शुभकामनायें देते हुये कहा कि पंजाब की जनता को आप सभी से बहुत उम्मीदें हैं। पंजाब को तरक्की के रास्ते पर ले जाने के लिये पूरी ईमानदारी और मेहनत से काम करिये , ईश्वर आपके साथ हैं। इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिये भगवंत मान की बेटी सीरत कौर मान और बेटा दिलशान मान भी पंजाब राजभवन के गुरु नानक देव ऑडिटोरियम में पहुंचे थे। सभी मंत्रियों का संक्षिप्त परिचय निम्न है –
हरपाल सिंह चीमा
एससी समाज से आने वाले और पेशे से वकील 47 वर्षीय चीमा वर्ष 2017 में पहली बार विधायक बने। पंजाब के सबसे बड़े मालवा क्षेत्र से आते हैं। ये संगरूस के दिड़बा से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गये हैं। इन्होंने अपने केरियर की शुरुआत पंजाबी यूनिवर्सिटी , पटियाला में एक छात्र नेता के रूप में की थी। ये ज़िला बार एसोसिएशन संगरूर के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा ये वर्ष 2018 में विपक्ष के नेता बने थे।
डॉ. बलजीत कौर
एससी समाज से आने वाली और पेशे से आंखों की डाक्टर राज्य की मलोट सीट पर डॉ. बलजीत कौर 46 वर्षीया ने अकाली दल के हरप्रीत सिंह को चालीस हज़ार से अधिक मतों के अंतर से हराया है , ये फरीदकोट के पूर्व सांसद साधु सिंह की बेटी हैं। इन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में अपने पिता के लिये चुनाव प्रचार भी किया था। बलजीत कौर करीब चार साल पहले आम आदमी पार्टी में शामिल हुई थीं और पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ीं। इन्होंने एमबीबीएस और एमएस की पढ़ाई की है और इन्हें भारत सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ सर्जन से भी सम्मानित किया जा चुका है। सिविल अस्पताल मुक्तसर में नेत्र रोग विशेषज्ञ के पद पर कार्यरत बलजीत कौर ने चार महीने पहले रिटायरमेंट ली है। रिटायर होने के बाद उन्होंने एक निजी क्लिनिक शुरू करके अपनी सेवायें शुरू की।
हरभजन सिंह ईटीओ
माझा क्षेत्र से आने वाले 53 वर्षीय हरभजन सिंह ईटीओ जंडियाला आरक्षित सीट से विधानसभा पहुंचे हैं। इन्होंने कांग्रेस के सुखविंदर सिंह डैनी को पच्चीस हजार से अधिक वोटों से हराया है। चुनाव आयोग को दिये हलफ़नामे के मुताबिक़, हरभजन सिंह पेशे से वकील हैं और उनकी पत्नी सरकारी कर्मचारी हैं। ये पहले पीसीएस अधिकारी थे , नौकरी छोड़कर राजनीति में आ गये। ये वर्ष 2017 में चुनाव हार गये थे।
डॉ. विजय सिंगला
डॉ. विजय सिंगला (52 वर्षीय) मानसा विधानसभा क्षेत्र से अपना पहला चुनाव जीतकर पंजाब विधानसभा पहुंचे हैं। उनकी सीट इसलिये हॉट बन गई , क्योंकि कांग्रेस ने गायक सिद्धू मूसेवाला को वहां से उम्मीद्वार बनाया था , जिसे इन्होंने 63 हजार वोटों से हराया है। डॉ. विजय सिंगला पेशे से दांतों के डॉक्टर हैं। उल्लेखनीय बात ये है कि इस सीट से सभी प्रमुख दलों के उम्मीद्वार पहली बार ही चुनाव लड़ रहे थे।
गुरमीत सिंह मीत हेयर
गुरमीत सिंह मीत हेयर (32 वर्षीय) बरनाला से दूसरी बार आम आदमी पार्टी के विधायक बने हैं। इस बार इन्होंने अकाली दल के कुलवंत सिंह को वहां से हराया है। चुनाव आयोग को दिये गये हलफ़नामे के अनुसार, उनकी आय के मुख्य स्रोत विधायक का वेतन और कृषि है। उन्होंने विवेकानंद प्रौद्योगिकी संस्थान से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। क़रीब एक दशक पहले वे आईएएस की तैयारी कर रहे थे और अन्ना हजारे आंदोलन के समय आम आदमी पार्टी में शामिल हो गये। वे अभी पंजाब में आम आदमी पार्टी के यूथ विंग के अध्यक्ष हैं।
कुलदीप सिंह धालीवाल
दसवीं तक पढ़े कुलदीप सिंह धालीवाल (60 वर्षीय) अमृतसर ज़िले के जगदेव कलां गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने अजनाला सीट से जीत हासिल की है। इनके खिलाफ़ इस सीट पर कांग्रेस के हरप्रताप सिंह अजनाला और पंजाब लोक कांग्रेस के सुरजीत सिंह खड़े थे। कुलदीप सिंह का परिवार कांग्रेस का सदस्य रह चुका है।
लालजीत सिंह भुल्लर
बारहवीं तक पढ़े और माझा क्षेत्र से आने वाले लालजीत सिंह भुल्लर (40 वर्षीय)पट्टी के रहने वाले हैं। ये पट्टी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक चुने गये हैं। इनका मुक़ाबला कांग्रेस के हरमिंदर सिंह और पंजाब लोक कांग्रेस के जसकरन गिल से था।
ब्रह्मशंकर
बारहवीं तक पढ़े ब्रह्मशंकर (56 वर्षीय) होशियारपुर के रहने वाले हैं , इन्होंने होशियारपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज़ की है। इस सीट पर इन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के उद्योग मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ को तेरह हजार से अधिक वोटों से हराया है। ये भी पहले कांग्रेसी थे।
लाल चंद कटारुचक
दसवीं तक पढ़े लाल चंद (51 वर्षीय) पठानकोट के कटारुचक गांव के रहने वाले हैं , इन्होंने भोआ विधानसभा सीट से जीत हासिल की है। इन्होंने कांग्रेस के जोगिंदर पाल को बारह सौ से अधिक वोटों से हराया है। चुनाव आयोग को दी जानकारी में उन्होंने बताया है कि उनके पास कोई अचल संपत्ति नहीं है। हलफ़नामे के अनुसार वे एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उनकी कोई आय नहीं है।
हरजोत सिंह बैंस
हरजोत सिंह बैंस (31 वर्षीय) रूपनगर जिले के गंभीरपुर गांव के रहने वाले हैं। इन्होंने आम आदमी पार्टी की ओर से आनंदपुर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की है। उनके खिलाफ़ कांग्रेस के कंवर पाल सिंह और बीजेपी के डॉ. परमिंदर शर्मा खड़े थे। हरजोत सिंह पेशे से वकील हैं और इन्होंने बीए एलएलबी की पढ़ाई की है। ये मान कैबिनेट के सबसे युवा मंत्री हैं। पिछली बार आम आदमी पार्टी के ही टिकट पर चुनाव हार गये थे।