किसकी होगी फतह क्या होगा जनता का फैसला
राधेश्याम पटेल
मैंनपुर (अमर स्तम्भ)। जैसे की आप सभी ज्ञात है कि आगामी 2023 का विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है। वैसे वैसे बीजेपी कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार क्षेत्र का दौरा कर अपनी अपनी ज़मीन तलाश रहे हैं। बकायदा टिकट की होड़ मे शामिल कांग्रेस बीजेपी के संभावित उम्मीदवार मैराथन बैठको का दौर कर लगातार कार्यकर्त्ता से लेकर आम मतदाता को अपने पाले में लेने के लिए तरह तरह के समारोह में शामिल हो रहे । जो मीडिया में छाए रहने के लिए को अपने छबि को अच्छा दिखाने का प्रयास में जुटे है , लेकिन इस बार उन नेताओं को सोने का चना चबाना पड़ेगा क्योंकि कोरोना काल के दौरान जिन गांव गांव के गरीबों को चावल दाल रोटी सब्जी इलाज की जरूरत रही उस वक्त छोटे से लेकर बडे़ बड़े नेता आम गरीब लोगो के बीच से गायब रहें। शायद यही वजह है कि कांग्रेस और भाजपा ने नए चेहरे को मैदान मे उतारकर नया पांशा फेंकने की चर्चा जोरों पर है। और इसके मद्देनजर नए और पुराने नेता अब क्षेत्र का दिन रात दौरा शुरू कर दिया है यहां आपको बता दें कि बिंद नवागढ़ विधानसभा पहले कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा । अगर 1983 की बात करे तो स्वर्ग श्री ईश्वर पटेल ने यह सीट को कांग्रेस के कब्जे में रखा उसके बाद 1988 मे वर्तमान विधायक के पिता स्वर्ग श्री बलराम पूजारी ने कांग्रेस के जबड़े से इस सीट को छीन कर बीजेपी के पक्ष में लाया। फिर 2003 मे ओंकार शाह ने इस सीट को पुनः कांग्रेस की झोली मे डाला। लेकिन 2008 के बाद से यह विधानसभा भाजपा के कब्जे पर ही है। जिसे मुक्त कराने के लिए कांग्रेस ने कई बार प्रत्याशी बदलने के साथ साथ कर्जा माफ बिजली हाफ बोनस समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सहित कई पैंतरे अपनाने के बाद भी क्षेत्र के लोगो ने कांग्रेस को नकारते बीजेपी को एक तरफा सपोर्ट 12 हज़ार से अधिक वोट की लीड से विजय दिला रही हैं शायद यही वजह है कि यह विधानसभा सीट कांग्रेस के लिए काफी अहम बनी है।
बिंद्रानवागढ़ राजनीति के सफर पर नज़र -जानकारों की माने तो 1983 में ईश्वर सिंह पटेल अपने प्रतिद्वंदी भोजलाल नेताम को हराकर कांग्रेस का परचम लहराया इसके बाद कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बदलते हुए 1988 में महेश्वर कॉमर्रा को टिकट दिया। जिन्हे वर्तमान विधायक के पिता बलराम पूजारी ने भाजपा के सिब्बाल से चुनाव लड़कर कांग्रेस के प्रत्याशी काफ़ी बुरी तरह पराजित कर भाजपा का खाता खोला इसके बाद 1993 से 2003 तक एक बार कांग्रेस तो एक बार बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा जमाया लेकिन 2003 के बाद से बीजेपी अपनी बढ़त के साथ लगातार बिंद्रनवागड़ पर फतेह हासिल कर रही है।
देवभोग करता है जीत का फैसला – विंद्रानवागढ़ विधानसभा का परिणाम मे अक्सर देखने को मिलता है की छुरा इलाके से होकर धूरुवागुढ़ी तक लगभग कांग्रेस बीजेपी बराबर वोट हासिल करती है। लेकिन देवभोग ब्लॉक का क्षेत्र की शुरुआत जैसे ही होती हैं वैसे बीजेपी की बढ़त एक मुश्त देखने को मिलता है मतलब देवभोग बिंद्रनवागढ़ की जीत में अहम भूमिका अदा करती है । क्योकि यहां पिछले तीन चुनाव से एक तरफा वोट पड़ रहा है। शायद यही वजह है कि बीजेपी 37 हजार के लीड से विजय हासिल किया रहा हालकि बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेसियों की जी तोड़ कसरत ने 37 हजार का गड्ढा को पाटकर 12 हजार के लेवल में पहुंचा दिया है।और इस बार टक्कर देते हुए यह सीट विजय प्राप्त करने का दम भर रही है। तभी सदस्यता अभियान काफी तेजी से देखने को मिल रहा है । कांग्रेस पदाधिकारी सुबह से गांव गांव मे सदस्य बनाने मे लगे हुए है और इसके मद्देनजर बीजेपी भी पहले से ज्यादा बढ़त बनाकर प्रदेश भर में रिकॉर्ड दर्ज जीत हासिल करने का दावा कर रही है।
यह है संभावित उम्मीदवार- पार्टी कार्यकर्ताओं पदाधिकारी के अलावा चौक चौराहा मैं 2023 विधानसभा में प्रत्याशी के रूप में बीजेपी से पूर्व संसदीय सचिव गोवर्धन माझी, भागीरथी माझी, रामरतन माझी, हलमन धुर्वा, ,तो वही कांग्रेस से पूर्व प्रत्याशी जनकराम ध्रुव,संजय नेताम, डाकेश्वर नेगी, ओंकार शाह,सेवन पूजारी, धनसिँह मरकाम, के साथ कांग्रेस से किसी सेवामुक्त शिक्षक या फिर सेवामुक्त अधिकारी को मैदान मे उतारने की चर्चा जोरो पर चल रहा है ।
वहीं दूसरे सबसे बड़े कांग्रेस प्रत्यासी के रूप में उभर कर सामने आने वाले में नाम है जनक ध्रुव का जो वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के आदिवासियों के सर्वमान्य नेता के रूप में उभरकर सामने आए है । वर्तमान में आदिवासियों के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष है। मिलनसार शिक्षक की छबि लिए अपने सरल स्वभाव व लगातार दसको से बिन्द्रानवागढ़ के लोगो के लिए समर्पित उनके दुख दर्द में हमेशा खड़े रहने वाली छबि बनाए हुए है ,ग्राम ग्राम दौरा छुरा से लेकर देवभोग तक कि धरा में सक्रिय नेता के रूप में इनकी पकड़ बनी हुई है । शिक्षक की नॉकरी को छोड़कर सक्रीय राजनीति में आने के बाद भी उनमें शिक्षक वाले गुण कूट कूट के भरे है । अपने सैकड़ो छात्रों को
मार्ग दर्शन दे कर देश से लेकर विदेश तक भेजने वाले जनक धुव गुरूजी के रुप मे जाने जाते है । आदिवासियों को सदैव आगे लाने व आदिवासियों के हितों केलिए आंदोलन तक को उतारू नेता की पहचान बनाई हुई है ।
वही डाकेश्वर नेगी की बात कही तो स्व, श्री रामेश्वर नेगी जो बिंद्रा नवागढ़ में एक सक्रिय नेता थे जो अविभाजित मध्यप्रदेश शासन काल से सक्रिय थे जो सामाजिक एवं राजनीतिक में सक्रिय थे उन्होंने ने कांग्रेस पार्टी के लिए जान नछावर कर गए मध्य प्रदेश शासन काल मे महत्व पूर्ण पद में जनसमस्या निवारन के प्रदेशाध्यक्ष ,भूमि विकाश बैस प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रदेश प्रतिनिधि एवं ब्लाक अध्यक्ष तीन बार लगातार 5 बार सरपंच निर्वाचित हुये एव सामाजिक संगठन में भी काफी सकिय रहे केंद्रीय समिति के भी अध्यक्ष रह चुके है पार्टी के लिए लगातर काम करते रहे साथ ही कई महत्वपूर्ण पदों में रहे ,उनका उतरा अधिकारी के रूप में उनके भतीजे हेमसिंह नेगी ने भी बाग़ डोर सभालते हुये पार्टी के लिए कई पदों पर रह कर पार्टी को मजबूत बनाने में सकिय रहे हेमसिंह नेगी लगातार 3 बार ब्लाक अध्यक्ष रहे एव प्रदेश प्रतिनिधि रूप में पार्टी को मजबूत बनाने में अहम योगदान दिए साथ ही सामाजिक कार्य मे भी महत्वपूर्ण योगदान दिए नेगी जी पूर्व में सामाजिक स्तर के केंद्रीय अध्यक्ष रह चुके है साथ ही अभी केंद्रीय सरंक्षक है उन्होने भी पार्टी एव समाजिक को अहम योगदान दिए बिंन्द्र नवा गढ़ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है लेकिन आज तक कांग्रेस से टिकट के लिये कई बार मांग किये नही मिला आज स्व श्री रामेश्वर नेगी जी की सपुत्र डाकेश्वर नेगी अब अपने पिता जी वर्चस्व को बनाये रखे है डाकेश्वर अभी एक युवा नेता के रुप में उभरे है वर्तमान में जनपद सदस्य में रूप जनसेवा कर ही रहे साथ ही कांग्रेस पार्टी के जिला कांग्रेस मे सयुंक्त महामंत्री एव जन भागीदारी समिति नवीन महा विद्यालय में अध्यक्ष के रूप में युवाओं के साथ जुड़े हुये साथ कांग्रेस पार्टी के लिए लगातार काम करे रहे है साथ पार्टी को मजबूत बनाने के लगातार क्षेत्र में सक्रिय दिखाई दे रहे है।युवाओं के बीच मे भी डाकेश्वर नेगी काफी सक्रिय रहते नजर आ रहे है।
मोहन मरकाम प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष
हम बिंद्रानवागढ़ विधानसभा सीट को लेकर विशेष ध्यान दे रहे हैं निश्चित ही इस बार परिवर्तन होगा ।
विष्णु देव साय बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
अभी प्रत्याशियों को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है लेकिन जो पिछले 15 साल से बिंद्रानवागढ़ की जनता बीजेपी को आशीर्वाद दिया है वह आगे भी मिलेगा क्योंकि हम उनकी लड़ाई लड़ते आ रहे हैं और आगे प्रत्याशी को लेकर क्या विकल्प हो सकता है ये पार्टी की राय सुमारी पर निर्भर है।