छुरा (अमर स्तम्भ)। श्री श्री अनंत श्री भगवान रघुनाथ सरकार जी महाराज मानस मंदिर छुरा की असीम कृपा के साथ प्रेरणास्रोत एवं आयोजक श्री रामचरितमानस रामायण भगवान की दया से हमारे अपने स्वर्गवासी परिजनों के उद्धार के निमित्त श्रीमद् भागवत यज्ञ का 2 अप्रैल से 10 अप्रैल तक आयोजित श्रीमद् भागवत कथा यज्ञ का प्रारंभ हुआ। अपरान्ह में जलकलश यात्रा निकाली ,जो मानस मंदिर से निकलकर बजरंग चौक शिव चौक होते हुए राजा तालाब से जल लेकर गाजे-बाजे के साथ वापस मंदिर पहुंची जहां पूजा एवं परायण कर्ता पंडित यज्ञेश प्रसाद पांडेय द्वारा परीक्षितगण गणेशु राम साहू नर्मद बाई साहू,भवानी शंकर सेन सीमा सेन,जोगीराम ध्रुव देवी ध्रुव के साथ पूजा अर्चना, देव पूजन, स्वर्गीय प्रियजन आव्हान कर भागवत स्थापना की गई।पश्चात कथावाचक पंडित कामता प्रसाद तिवारी को सम्मान आसन पर विराजमान कराए। व्यासपीठ से पंडित कामता प्रसाद तिवारी ने भागवत महत्तम की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान की कथा से दुख दूर होता है। भक्ति जागृत होती है।भक्ति के दो पुत्र है ज्ञान और वैराग्य।कथा में आने से घर की सुधि कुछ समय के लिए छूट जाती है यही वैराग्य है, बार बार कथा स्थल में आने से ज्ञान और वैराग्य प्रबल होती है जिससे भक्ति बढ़ती है इससे दुख और कष्ट दूर होता है।परलोक वासियों को भी मोक्ष मिलता है। हमारे भीतर हर चीज है काम,क्रोध,लोभ,मोह, दुख, सुख,खुशी आदि लेकिन जिसे हम प्रबल करेंगे वही प्रबल होगा चाहे सुख हो या राग-द्वेष, चाहे भक्ति।भक्ति को जागृत करने और प्रबल करने का उपाय सदा भगवान में ध्यान, नाम जाप भजन करना चाहिए। विदित हो कि निशुल्क हो रहे इस आयोजन में छुरा नगर व आसपास के गाँव के भक्त अपने स्वर्गवासी प्रिय जनों के उद्धार के निमित्त बढ़ चढ़ कर शामिल हो रहे हैं लगभग 231 स्वर्गवासी प्रियजनों के उद्धार निमित्त यह अपने तरह का अनूठा श्रीमद् भागवत महापुराण कथा आयोजित है। जिसमें माला जाप भक्त टंकेश्वर देवांगन, संगीत सेवा शिक्षक मानस परिवार, झांकी सेवा शीतल ध्रुव, लिखन दीवान, परायण भोला पाण्डेय योगदान दे रहे हैं। कथा प्रवचन प्रतिदिन अपरान्ह 3:00 से 7:00 बजे तक होगा। जल यात्रा में राजकुमारी सोनी ,कुलेश्वर सिन्हा,बिन्नी तिवारी, सरस तिवारी, समाजसेवी शीतल ध्रुव, विनोद देवांगन, ललित कुमार वर्मा, हीरालाल साहू, मनहरण पटेल, विमल पुरोहित, पोषणलाल वर्मा, टंकेश्वर देवांगन, राम तिवारी, दीपक तिवारी, सहित बड़ी संख्या में बालिकाएं, महिलाएं शामिल हुई।