अमर स्तम्भ संवाददाता
भोपाल। राजधानी दिल्ली की श्री अशोक कुमार गिरी की सुपुत्री एवं ग्वालियर यूनिवर्सिटी की हिन्दी की शोध छात्रा ने इतने कम उम्र में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है। मनीषा गिरी “मनमुग्ध” ने मात्र 28 साल की उम्र मे तीन किताबें लिख डाली यही तक नहीं इनकी रचनाएं अनेकों साझा संग्रह मे भी प्रकाशित हो चुके है और हज़ारों पत्र पत्रिकाओं मे हमेशा पढ़ने को मिलती रहती है । मनीषा बचपन से ही होनहार थी इनकी साहित्य मे गहरा रुचि थी , इनकी कहानियों मे खूबसूरत शब्दों का सृजन होता है यही तक ही नहीं पढ़ाई मे भी अव्वल रहीं हैं, मनीषा को देश – विदेश से हज़ारों साहित्यिक अवार्ड मिल चुके हैं , ये किसी शोहरत की मोहताज नहीं है । मनीषा की रचनाओं में खुशी , दर्द ,सामाजिक-आर्थिक इत्यादि सबकुछ का भरपूर मिलन होता है । यूँ कहें तो जैसा खूबसूरत चेहरा वैसे शब्दों का मिलन होता है आपने आप में एक मॉडल जैसे दिखने वाली मनीषा के शब्द भी उतने ही खूबसूरत होते है । 15 अप्रैल 2022 को भोपाल मे आयोजित “अन्तरराष्ट्रीय महिला मंच, भोपाल ईकाई” द्वारा “नारी शक्ति इंटरनेशनल अवार्ड” से संस्था के संस्थापक राघवेन्द्र ठाकुर ने सम्मानित किया । यह अवार्ड मिलने पर बिहार से साहित्यकार रूपेश कुमार, दिल्ली से सुप्रिम कोर्ट की लॉ ऑफिसर एडवोकेट अनुजा मनु, मुंबई से प्रोफेसर डॉ निशा मिश्रा , लखनऊ से प्रख्यात शायरा प्रिया सिंह , हरियाणा से सीमा रानी मिश्रा , बुलंदशहर से भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा जिला मंत्री , कवयित्री, चित्रकार कल्पना चौधरी, डॉ मंजू रानी, संगीता शर्मा, डॉ लोकेश तिवारी, डॉ नीति पाण्डेय, डॉ जगदीश शर्मा, ममता पुरी इत्यादी ने बधाईयाँ दी एवं दिन दूगुनी , रात चौगुनी सफल होने की कामना कि ।