*” दिव्यालय ” पर हुई चित्र आधारित सृजन पर प्रतियोगिता*
बिहार :: भारत देश अनेक धर्म सम्प्रदायों का देश है । दिनांक 3/4/2022 को दिव्यालय पटल पर ईद के अवसर पर ईद मिलन के चित्र पर वीर रस पर आधारित दोहा सृजन करना था जिसमें कई साहित्य साधकों ने हिस्सा लिया । पटल संस्थापिका व्यंजना आनन्द ने बताया कि जो कवि कल तक अतुकांत सृजन करते थे आज उनकी लेखनी विधाओं पर रस युक्त त्वरित सृजन कर रही है इसका पूरा श्रेय साधकों की लगन साथ ही पटल छंद निर्देशकों को जाता है जिसमें राजकुमार छापड़िया , डाॅ रश्मि स्थापक , नरेन्द्र वैष्णव शक्ति ,मंजिरी निधि , राजश्री शर्मा , गजेन्द्र हरिहारनो ‘दीप ‘और व्यंजना आनंद ‘मिथ्या ‘ स्वयं है । वहाँ शाम 7 से 8 कक्षा तथा दिन में 9 से 5 तक छंद की कार्यशालाएं चलाई जाती है ।
हुए प्रतियगिता के परिणाम इस प्रकार है ।
स्नेहलता पाण्डेय” स्नेह” ने इन पंक्तियों से प्रथम स्थान प्राप्त किया —
हिन्दू मुस्लिम एक हैं, मानों मेरी बात।
एक साथ मिल कर खड़े, सीमा पर तैनात।।
ईद बढ़ाती प्रेम है, गले मिलें सब भूल।
कट्टर पंथी छोड़कर,बाँट नेह के फूल।।
वीर पुत्र हम भारती, भारतवासी नाम।
साथ लड़ें जब एक हो, अरि का काम तमाम।
वहीं अनुराधा पारे ने भी सुंदर सृजन कर द्वितीय स्थान को प्राप्त किया –
भाई-चारा प्रेम का,देती है संदेश।
आई देखो ईद है,उत्साही परिवेश।।
गले लगाकर माँगते,दुआ एक ही आज।
कौमी होगी एकता,जातिपरक हर काज।।
जोश भरी संवेदना,उत्साही हर भाव।
एकात्मक प्रारूप में,कट्टरता ही चाव।।
संस्कारों के साथ ही,लेते ईदी संग।
जिसमें होते जातिगत,प्रेम भरे सब रंग।।
वहीं अपनी सुंदर भाव दर्शाती रचना से चौधरी आशा निर्मल जैन ने तृतीय स्थान को प्राप्त किया —
भाई चारा सीखते,ईद मिलन त्यौहार।
हिन्दू मुस्लिम भ्रात है,प्रेम मिले हर द्वार।।
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