मैया मोरी तू जन्नत का फूल है
प्यार करना तो तेरा उसूल है
सारी दुनियां की मोहब्बत भी
तेरे सामने फिजूल है
मैया मोरी तू जन्नत का फूल है
मां तेरे कदमों की धूल भी
जन्नत की धूल है
मैया मोरी तेरी हर दुआ मुझे कबूल है
ऐ इंसान मां का दिल दुखाना
तेरी सबसे बड़ी भूल है
मैया मोरी तू तो वो पेड़ है
जितनी दूर जाओ उसकी छाया
उतनी ज्यादा होती है
मां कितने चेहरे पढ़ा करूं मैं
मां तुझसा कोई मिलता नहीं
तेरा चेहरा ही जिन्दगी की किताब
नज़र आता है
मैया मोरी तू जन्नत का फूल है
मेरी प्यारी मां हो तुम
मेरे दिल की धड़कन हो तुम
ममता की प्रतिमूर्ति हो तुम
मैं सूरज तो आसमां हो तुम
तेरे बगैर सब दुनियां सुन
मैया मोरी तू जन्नत का फूल है
डॉ मीना कुमारी परिहार, बिहार एमएम