भागवत दीवान
कोरबा (अमर स्तम्भ)। देश भर में कोयला संकट की स्थिति निर्मित है। कोयला जरूरतों को पूरा करने रेलवे ने कई यात्री ट्रेनों को रद्द किया है। वहीं मालगाडिय़ों का फेरा बढ़ा दिया गया है। साथ ही रेलवे लांग ट्रेन की मदद से भी कोयला आपूर्ति करने में लगा हुआ है। इसी कड़ी में कोरबा से चार मालगाडिय़ों को जोड़कर ट्रेन महाराष्ट्र के लिए रवाना किया गया। 3.2 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी में 240 डिब्बे हैं, चार संयंत्रों में कोयला की आपूर्ति की जाएगी।
रेलवे द्वारा कोयला लदान को बढ़ाने जोर दिया जा रहा है। वर्तमान में कोरबा से 45 प्लस रेक विभिन्न संयंत्रों के लिए भेजी जा रही है इसे बढ़ाकर 52 रेक करने के प्रयास में रेलवे जुटा हुआ है। रेलवे द्वारा समय- समय पर लांग ट्रेन के माध्यम से कोयला आपूर्ति भी की जाती रही है। कोयला संकट के बीच पुन: रेलवे ने यह कदम उठाया है। चार लांग हाल मालगाड़ी को कोयला लोड कर महाराष्ट्र के लिए रवाना किया गया। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि 3.2 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी में कुल 240 डिब्बे हैं। लांग हाल ट्रेन का कोयला महाराष्ट्र के चार अलग-अलग संयंत्रों में आपूर्ति की जाएगी।
संयंत्रों में कोयला की कमी
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के संयंत्रों में कोयला की आपूर्ति कम होने से स्टॉक घटा है। पिछले कुछ समय से डीएसपीएम और एचटीपीपी में रोजाना खपत के अनुरूप कोयला एसईसीएल से नहीं भेजा जा रहा है। इस वजह से डीएसपीएम में 3 से 4 दिन का कोयला शेष है, जबकि एचटीपीपी में भी कोल स्टॉक की स्थिति बेहतर नहीं कही जा सकती। पावर संयंत्रों के अफसर एसईसीएल के अधिकारियों से चर्चा कर कोयला आपूर्ति बढ़ाने भी कह चुके हैं।
अब तक एसईसीएल ने किया 18.85 मिलियन टन उत्पादन
मौजूदा वित्तीय वर्ष में एसईसीएल को 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन का टारगेट दिया गया है। इस टारगेट को पूरा करने एसईसीएल वित्तीय वर्ष के प्रथम माह से ही जुट गया है। 45 दिनों में एसईसीएल ने 18.85 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर लिया है। इस तरह एसईसीएल अब तक के 90 फीसदी उत्पादन लक्ष्य को हासिल कर चुका है। 45 दिनों में एसईसीएल को लगभग 21 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर लेना था। एसईसीएल की जिले में स्थित मेगा परियोजना गेवरा-दीपका, कुसमुंडा ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है। हालांकि एसईसीएल अब भी कोल इंडिया की अन्य अनुषंगी कंपनी एमसीएल से पीछे ही है। एमसीएल ने 45 दिनो में 21.76 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर लिया है।