*चित्र आधारित दोहे ÷*
सड़क किनारे बिन रहा ,कूड़े- करकट आज ।
नाज देश पर क्यों करूँ ,पीडित जब आवाज ।।
क्यों ऐसे हालात हैं,क्यों बालक लाचार।
प्रश्न क्रोध से भर उठे , बन मानव अवतार ।।
खून खौलता देखकर,नियम सभी यह देख ।
सत्ता हाथों में मिले ,बदलू सबकी रेख ।।
बदल व्यवस्था देश की ,समता के भर भाव ।
कण-कण का कल्याण हो ,पार लगे हर नाव ।।
बालक हाथों हो कलम ,लिखे भाग्य पुरजोर।
उनके जीवन में सदा ,मिले सुहानी भोर ।
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व्यंजना आनंद ‘ मिथ्या ‘
योग शिक्षिका
बेतिया( बिहार)