मनोज सिंह/ जिला ब्यूरो
टीकमगढ़। (दैनिक अमर स्तंभ) इन दिनों बीजेपी के पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा अभद्रता किये जाने के मामले आये दिन सामने आ रहे हैं। वाद-विवाद करने और अपराधियों को संरक्षण देने जैसे आरोप लगाये जाने लगे हैं। गरीबों को न्याय दिलाने के वादे अब दिखावा साबित होने लगे हैं। पत्रकारों के साथ अभद्रता के मामलों का ग्राफ लगातार बढऩे से मीडिया कर्मियों में नाराजगी देखी जा रही है। इस दिशा में ठोस कदम उठाये जाने की जरूरत महशूस की जा रही है। पूर्व मंत्री व विधायक हरिशंकर खटीक पर अभद्रता करने के आरोप लगाते हुये पत्रकार सुनील घोष ने मामले में न्याय की गुहार लगाई है। बताया गया है कि जिले के जतारा विधानसभा क्रमांक 44 के पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक हरिशंकर खटीक के द्वारा पत्रकारों से अभद्रता का मामला सामने आया। आज से कुछ दिनों पहले डायरिया से पीडि़त ग्राम चंद्रपुरा ग्राम के ग्रामीण जहां पर कुछ पत्रकार लोग न्यूज़ कवरेज करने के लिए गए थे, जहां पर हमने आदिवासी मोहल्ले में जाकर देखा कि 4 साल पहले आदिवासी लोगों के जो आवास निकले थे, उनकी उनके खाते से निकाली गई है। उनके पास ना ही आवास बने हैं और ना ही उनको पैसे मिलेंगे। इसी बात की कवरेज पत्रकार सुनील घोष कर रहे थे। वहां पर स्वास्थ्य विभाग के जिला सीएमएचओ डीजे मोहन साहब जतारा के एसडीएम संजय जैन, जतारा टीआई त्रिवेंद्र त्रिवेदी तथा जतारा पीएमओ प्रशांत जैन मौके पर मौजूद थे तथा पूर्व मंत्री विधायक वर्तमान विधायक हरिशंकर खटीक के द्वारा पत्रकार सुनील घोष, दीपक कुशवाहा, दुर्ग सिंह घोष कवरेज करने गये। दोपहर ढाई-तीन बजे के लगभग सुनील घोष का कवरेज करते समय मोबाइल छीन लिया गया एवं उनके मोबाइल से सारे वीडियो हटाए गए और उनके साथ अभद्रता की गई। दबंग विधायक कहे जाने वाले जतारा के हरिशंकर खटीक एक बार फि र सुर्खियों में हैं। वैसे तो उनके ड्राइवर से एक बार थाना प्रभारी हिमांशु चौबे ने उठक बैठक लगवाई, तो उन्हें सीधा दूसरे दिन जतारा से ट्रांसफ र कर टीकमगढ़ पुलिस लाइन भेजा गया था। यहां बता दें कि इसके पूर्व ग्राम बूदौर में कुछ पत्रकारों के साथ मारपीट की गई थी,जिसके आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं की गई है। इतना ही नहीं एक युवती शिवानी रावत अपने भाई की हत्या के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर थाने से लेकर राजधानी में बैठे मंत्रियों तक के चक्कर काट चुकी है। सुना है कि वह अब केन्द्रीय मंत्री अमित शाह के निवास के समझ आत्म दाह करने की चेतावनी दे चुकी है। लोकतंत्र के रक्षक ही जब लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने लगेंगे, तो सुरक्षा और न्याय का मखौल उडऩा स्वभाविक है। यहां बता दें कि पूर्व में जतारा के एक पत्रकार के साथ मारपीट का भी मामला सामना आ चुका है। पत्रकारों ने इस घटना पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुये प्रशासन से उचित कार्रवाई किये जाने की मांग की है। आश्चर्य की बात तो यह है कि जब यह घटना घटी, तो उस समय अनेक प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे।