संदीप यादव की खास रिपोर्ट
दैनिक (अमर स्तम्भ) / मुंबई स्थित अपने साहित्य यात्रा में गाँव की मिट्टी,सादगी तथा मूल्यधर्मिता को नित्य नई पहचान देनेवाले वरिष्ठ साहित्कार तथा रायल्टी प्राप्त कवि रामकेश एम.यादव का डॉ.अर्चना श्रेया,क्षमा पाण्डेय,कृष्णा जोशी (हमारा प्यारा हिन्दुस्तान साहित्यिक पटल) तथा पूर्व सैनिक अशोक कुमार जाखड़ (निस्वार्थी देशभक्ति समूह ढाणा झज्जर हरियाणा के अध्यक्ष) की तरफ से शान-ए-हिन्द तथा परमवीर सम्मान से इन्हें अलंकृत किया गया है। अगर प्रशस्ति पत्रों को छोड़कर देखें, तो अब तक इस कलमकार को २१० सम्मान पत्रों तथा पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। इन्होंने गद्य और पद्य दोनों विधाओं में अपनी सृजनशीलता का परिचय दिया है। याद करो कुर्बानी,आओ स्कूल चलें,मजदूरन,महाराष्ट्र का आईना,सरहद आदि २५ पुस्तकें तथा 1700 से अधिक इनके लेख,पत्र लेख,कविता,कविता खण्ड, साक्षात्कार आदि देश के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित हो चुके हैं। महाराष्ट्र पाठ्य पुस्तक निर्मिती विभाग, पुणे द्वारा इनकी दो रचनाएँ पाठ्यक्रम में शामिल की जा चुकी हैं। 1999 भारत -पाक जंग के दौरान इन्होंने भारतीय सैनिकों के हौसलाफजाई के लिए स्तम्भ लेख और वीर रस से ओतप्रोत कविताएँ लिखे।
मिट्टी की सुगंध (काव्य) तथा झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई (काव्य) सहित आधा दर्जन पुस्तकें आनेवाले समय में इनकी प्रकाशित होनेवाली हैं। इनकी रचनाओं में गांव और शहर की जिन्दगी के संश्लिष्ट और सघन यर्थाथता की गहरी पहचान देखने को मिलती है। इनकी सरल और सहज लिखने की शैली पाठकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। ये उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ जनपद के ब्लाक मार्टीनगंज स्थित तेजपुर गाँव के मूल निवासी हैं और १ मार्च,२०१९ को बृहन्नमुंबई महानगरपालिका के शिक्षण विभाग में शिक्षक पद से सेवानिवृत्त होकर सतत साहित्य साधना में लीन हैं। इनकी सर्जनात्मक प्रतिभा और साहित्यिक योगदान को देखते हुए इस पाई ताजी उपलब्धि पर तमाम साहित्यकारों,पत्रकारों,शिक्षकों तथा अन्य गणमान्य शुभचिंतकों और नागरिकों ने अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं।