■ समाजसेवी संस्था “पहल” की संस्थापिका वंदना सिंह की मानवीय पहल ने क़ायम की मिशाल
■ स्वास्थ्य,शिक्षा, स्वरोजगार, महिला सुरक्षा,सहयोग पर किया उल्लेखनीय कार्य
घनश्याम सिंह
समाचार संपादक
दैनिक अमर स्तम्भ
कानपुर
समाजसेवी संस्था *पहल* जनकल्याण समिति एवं सेवा संस्थान प्रयागराज उत्तर प्रदेश अपने जनहित कार्यों के लिए समर्पित है। संस्था असहायों व जरूरतमंदों के लिए हर तरह से मददगार बनी हुई है।पहल संस्था की अध्यक्ष व संस्थापिका वंदना सिंह चंद्रशेखर आजाद इंटर कॉलेज सोरांव प्रयागराज में अंग्रेजी की प्रवक्ता हैं।वह बेहद जागरूक व संवेदनशील महिला हैं। पहल संस्था महिलाओं और बालिकाओं के स्वास्थ्य व सुरक्षा के प्रति भी बहुत सजग होकर कार्य कर रही है। ग्रामीण क्षेत्र की कम जागरूक महिलाओं एवं नगर क्षेत्र की विभिन्न मलिन बस्तियों में महिलाओं के लिए जो स्वास्थ्य के प्रति बहुत जागरूक नही हैं उनके लिए संस्था की तरफ से समय समय पर मेडिकल कैंप का आयोजन किया जाता है।नि: शुल्क सलाह और दवाइयों का वितरण भी संस्था की तरफ से किया जाता है। संस्था की अध्यक्ष वंदना सिंह ने जब देखा कि ग्रामीण महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं हैं और प्राय: देखा जाता है कि माहवारी के दिनों में वे आज भी गंदे फटे कपड़े का उपयोग करती हैं। जिससे उन्हें तमाम तरह की बीमारियों का खतरा पैदा हो जाता है,फ़लतः वह इंफेक्शन और बीमारी शिकार हो जाती हैं। इसी को ध्यान में रखकर के उन्होंने महिलाओं को जागरूक करने व उन्हें सेनेटरी पैड के उपयोग के लिए जागरूक किया। उन्होंने जगह-जगह पर खुद के साथ ही डॉक्टरों से महिलाओं की काउंसलिंग करा उन्हें निशुल्क सैनेट्री पैड वितरण करके महिलाओं और बालिकाओं को इसके उपयोग के प्रति भी जागरूक किया ।उत्तर प्रदेश के लगभग दस जिलों में उनकी यह मुहिम रंग लाई और धीरे-धीरे हजारों महिलाएं इसका प्रयोग कर अपनी साफ सफाई एवं स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देने लगी। वह हमेशा अपने गाड़ी में सेनेटरी पैड के पैकेट रखती हैं जब भी उन्हें मौका मिलता है वह महिलाओं को जागरूक कर इसका वितरण कर इसके प्रयोग के प्रति प्रोत्साहित करती रहती हैं।कई बार देखा गया महिलाओं को इस पर बात करने में उन्हें शर्म और संकोच होता है। लेकिन जब उन्हें सहज किया गया तो उन्होंने अपनी परेशानी साझा करके समाधान प्राप्त किया।पिछले चार वर्ष में उन्होंने दो लाख सैनेट्री पैड का वितरण किया और उनकी यह मुहिम जारी है।उनके इस काम को देश विदेश में नोटिस किया गया।और लोगों ने न केवल प्रोत्साहित किया बल्कि सहयोग भी प्रदान किया।आज वह देश भर में पैड वुमन के नाम से जानी जाती हैं।जब उनसे पूछा गया कि क्या यह अभियान चलाना आसान था तो वंदना सिंह ने कहा इतना मुश्किल भी नहीं था।हमने शुरूआत किया लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया और बढ़ता गया। संस्था की अध्यक्ष वंदना सिंह ने बताया कि यह बिना किसी सरकारी मदद के आपसी सहयोग से अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महिला होने के नाते महिलाएं उनकी बात को ध्यान से सुनती हैं वह कही गई बातों पर अमल भी करती हैं। यह उनके उनकी बड़ी होती बच्चियों के लिए बहुत ही आवश्यक है।वह बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी प्रदान करती हैं जिससे बालिकाएं किसी भी विपरीत परिस्थितियों में अपने को कमजोर न समझे और हर परिस्थिति का सामना कर सकें।पहल संस्था का महज चार वर्ष का सफर मील का पत्थर रहा है। उन्होंने जहां नगर क्षेत्र के दो सरकारी विद्यालयों को गोद लेकर उनके जरूरत की हर सुविधाओं से तृप्त किया है ।वहीं हर वर्ष हजारों जरूरतमंदों को कंबल का वितरण भी करती हैं। इसके अतिरिक्त फीस देने में अक्षम बच्चों को विद्यालय में प्रवेश दिला कर उनकी पढ़ाई लिखाई का खर्च भी वहन करती हैं। महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए जगह-जगह पर सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की गई है। जहां पर निशुल्क मशीनें उपलब्ध करवाकर के प्रशिक्षित महिलाओं द्वारा बालिकाओं और महिलाओं को सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जिससे उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं और वह आत्मनिर्भर बन रही हैं।कोरोना काल में भी पहल संस्था ने सैकड़ों जरूरत मंद परिवारों की कई महीने तक मदद की थी,पहल संस्था के सदस्य और वालिंटियर जरूरत मंदो के लिए ब्लड भी डोनेट करते रहते हैं। संस्था समय समय पर लोगों सरकारी योजनाओं की जानकारी भी प्रदान करती रहती है।जिससे वह सरकार द्वारा संचालित अपने हित की योजनाओं से लाभान्वित हो सकें।