महेश प्रताप सिंह (वरिष्ठ संवाददाता)
कानपुर (दैनिक अमर स्तम्भ) / सर्वोदय नगर स्थित अपर श्रमायुक्त कार्यालय परिसर में धरना देकर सभा को संबोधित करते हुए केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के नेताओं ने कहा कि श्रम महासंघों के देशव्यापी आह्वान पर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन अपर श्रमायुक्त के माध्यम से दिया जा रहा है क्योंकि केन्द्र सरकार ने कारपोरेट घरानों के हितों के अनुसार नये श्रम कानूनों को जबरन मजदूर पर लादा जा रहा है। सरकार कारोबार सुगमता के नाम पर मौजूदा श्रम कानूनों को समाप्त कर दिया गया है। इस प्रक्रिया में 75 फीसदी श्रमिकों को श्रम कानूनो के दायरे से बाहर कर दिया गया है। भारत सरकार द्वारा देश की संपदाओं की बिक्री किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि देश की विकास की रीढ़ के रूप में काम करने वाले असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का बुरा हाल है क्योंकि सरकार की आर्थिक नीतियों तथा करोना आपदा की मार के कारण अधिकतर औद्योगिक प्रतिष्ठान कमजोर हो चुके हैं या पूर्णरुप से बंद हो चुके हैं। जिससे मजदूर वर्ग भुखमरी का शिकार हो गया हैं।संयुक्त मंच ने 17 सूत्रीय मांगों के माध्यम से मांग की है कि सभी श्रम विरोधी कानून रद्द किए जाएं और किसान हित में न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू किया जाए। सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियो को जबरन रिटायर करने वाले कानून वापस किए जायें। निजीकरण, निगमीकरण की नीति पर रोक लगायी जाए। दैनिक न्यूनतम मजदूरी रु० 1000 घोषित किया जाए। निर्माण मजदूरों को ईएसआई, मुफ्त आवास मुफ्त शिक्षा एवं चिकित्सा का प्रावधान लाया जाए। कार्यस्थल पर महिला श्रमिकों की सुरक्षा की गारंटी दी जाए। 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन 1984 में न्यूनतम मजदूरी का मानक निश्चित किया जाए । अग्निवीर भर्ती योजना को रद्द किया जाए इत्यादि हैं।संयुक्त मंच ने अपर श्रमायुक्त सरजूराम शर्मा को ज्ञापन की प्रति देते हुए उनसे अपेक्षा की वे ज्ञापन को महामहिम को भेजने के साथ ही उसका पुष्टि पत्र भी संयुक्त को दिया जाए।सभा को सर्वश्री पी०एस० बाजपेयी, असित कुमार सिंह, कुलदीप सक्सेना, राजीव खरे, राणा प्रताप सिंह, आर०डी० गौतम, एस०ए०एम० जैदी, मीनाक्षी सिंह, गौरव दीक्षित, अशोक तिवारी, मो0 नाजिर, विजय शुक्ला, कमल चतुर्वेदी, राजेश सिंह, जगदीश यादव, उमेश शुक्ला, विजय कुमार, राजेश शुक्ला, उमाकांत, विनोद पाण्डे, ओम प्रकाश, शाह। चन्त शर्मा, देवेन्द्राट, शेषनाथ , इत्यादि लोग रहे।