पप्पू यादव (ब्यूरो प्रमुख) यूपी
आगरा (दैनिक अमर स्तम्भ) / आगरा के किसानों ने कहा है कि इस बार आलू उत्पादन में उन्हें जबरदस्त घाटा हो रहा है। आलू उत्पादन की कीमत करीब 11 सौ रुपए कुंतल आती है जब उनका आलू ₹400 कुंतल से लेकर ₹600 कुंतल के भाव से बिक रहा है। आलू किसान को कोल्ड स्टोरेज मालिकों द्वारा लोन या एडवांस नहीं दिया जा रहा है. 78 हजार हेक्टेयर में आगरा में किसानों ने आलू का उत्पादन किया है लेकिन इस बार उनकी होली फीकी रही है।
किसान नेता सोमवीर यादव ने कहा है कि हर बार होली के समय किसानों को उनके आलू बिक्री से अच्छी रकम मिल जाती थी जिससे वह मजदूरी, खुदाई, ग्रेटिंग, लोड़िग आदि का भुगतान कर आलू कोल्ड स्टोरेज तक पहुंचा देते थे।लेकिन इस बार ऐसा नहीं है मजदूरी तक नहीं निकलने से किसान अपने खेत में ही आलू छोड़ दे रहे हैं। आलू खरीदने व्यापारी उनके खेत पर नहीं आ रहें हैं।
आलू के निर्यात न होने से भी यह संकट बढ़ा हैं।
इस बार कई देशों ने आलू की खरीद पर रोक लगा दी जिसके चलते आलू की खरीद नहीं हो रही है। सरकार ने कोल्ड स्टोरेज का भाड़ा भी बढ़ा दिया है। सरकार ने 260 रूपये कुंतल भाड़ा कर दिया है. जो अब तक जारी भाड़े से बहुत ज्यादा है।सरकार ने अभी तक कोल्ड स्टोरेज में भण्डारण पर दी जाती रही सब्सिडी की भी घोषणा नहीं की है।सरकार द्वारा आलू खरीद के लिए तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 650 कुंतल भी उत्पादन लागत की तुलना में बेहद कम है. 2017 में योगी सरकार बनने पर घोषणा की गई थी कि आलू की सरकारी खरीद होगी. इस बारे में पुछने पर किसानों द्वारा बताया गया कि ऐसी कोई खरीद नहीं हुई है।किसान नेता सोमवीर यादव ने यह भी बताया कि खाद, बीज, कीटनाशक, डीजल और बिजली के दामों में बेइंतहा वृद्धि से आलू के उत्पादन में खर्च काफी बढ़ गया है।किसान नेता मुकेश पाठक ने बताया कि आलू उत्पादन में यह संकट हर तीन चार साल बाद आता है. इसका मूल कारण आलू की सरकारी खरीद ना होना, आलू आधारित चिप्स आदि उद्योग का ना होना और भंडारण की सरकारी व्यवस्था का ना होना है।इस दौरान मुकेश पाठक, विनोद शुक्ला, लक्ष्मीनारायण बघेल, संजय तोमर, कल्लू सिंह, राजवीर सिंह आदि लोगों का प्रतिनिधरहा।