महेश प्रताप सिंह (ब्यूरो चीफ)
कानपुर (अमर स्तम्भ) / प्लास्टिक प्रदूषण जिस तेजी से फैल रहा है उससे अनुमान है कि 2050 तक समुंद्र में मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक होगा वैज्ञानिकों ने पाया कि बेहद छोटे रूप में प्लास्टिक खाद्य श्रृंखला में घुसपैठ कर हमारे शरीर में भी दाखिल हो रहा है यही वजह है कि इस बार विश्व पर्यावरण दिवस पर प्लास्टिक की समस्या के समाधान की थीम रखी गई है उपरोक्त बात नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल के तहत सोसायटी योग ज्योति इंडिया व मिडास परिवार के संयुक्त तत्वाधान में नव ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से विश्व पर्यावरण दिवस की थीम बीट द प्लास्टिक पॉल्यूशन पर आयोजित प्रदूषण मुक्त भारत मानव श्रृंखला एवं संकल्प सभा में अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख, नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल के नेशनल ब्रांड एंबेसडर योग गुरु ज्योति बाबा ने कहीं, ज्योति बाबा ने आगे कहा कि प्लास्टिक हमारे खून तक पहुंच रहा है क्योंकि प्रकृति इसे वापस लौटा रही है वैज्ञानिक अध्ययनों में यह पता चला है कि हमारे नमक व मछली में माइक्रोप्लास्टिक मिल रहा है हम हर दिन प्लास्टिक कचरा पैदा कर रहे हैं इसीलिए गंगा से लेकर समुद्र में प्लास्टिक कचरा बढ़ रहा है ज्योति बाबा ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के अनुसार हर वर्ष दुनिया भर में 500 अरब प्लास्टिक बैग उपयोग होते हैं जो सभी प्रकार के अपशिष्ट का 10 फ़ीसदी है प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि पूरे विश्व में इतनी प्लास्टिक हो गया है कि इससे पृथ्वी को 5 बार लपेटा जा सकता है मिडास परिवार की डायरेक्टर शोभा मिश्रा ने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार हर भारतीय ने 1 साल में 20 किलो प्लास्टिक से ज्यादा कचरा पैदा किया है नई दिल्ली स्थित एम्स के डॉक्टर संजय राय ने बताया कि माइक्रो प्लास्टिक कण गर्भवती महिलाओं की प्लेसेंटा में भी मिले हैं बच्चों में इन कणो को लेकर जोखिम काफी ज्यादा है माइक्रोप्लास्ट लाल रक्त कोशिकाओं की झिल्ली से चिपक सकता है एनवायरमेंट एक्टिविस्ट गीता पाल, प्रीति सोनकर, विमल माधव ने कहा कि सरकार के पृथ्वी मंत्रालय ने जानकारी दी है कि प्लास्टिक के खिलाफ 2019 में एकल उपयोग वाले प्लास्टिक को खत्म करने का संकल्प लिया है मिडास परिवार के उपेंद्र मिश्रा व अमन शिवहरे ने कहा के लोगों को प्लास्टिक खत्म करने की व्यक्तिगत स्तर पर पहल करनी चाहिए जैसे सिंगल यूज़ प्लास्टिक,बोतल बंद पानी और प्लास्टिक पैकेजिंग का उपयोग ना करें। समाजसेवी के के गुप्ता व नेहरू युवा केंद्र के सुशील बाजपेई ने जोर देकर कहा कि यह प्लास्टिक नमक और मछली से लेकर झीलों और समुद्र तटों में घोलकर मानवीय स्वास्थ्य के साथ जीव जंतुओं के जीवन पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है कार्यक्रम का संचालन संचालन शैलेंद्र पांडे व धन्यवाद आयकर अधिकारी शरद प्रकाश अग्रवाल ने दिया। अंत में ज्योति बाबा ने सभी को पर्यावरण प्रदूषण मुक्त का संकल्प दिलाया।