पप्पू यादव (ब्यूरो प्रमुख) यूपी
कानपुर (अमर स्तम्भ) / देश भर में विधान सभा और संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन की प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू की गयी है। संवाददाता से बात करते हुए नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष डा. सुहैल चौधरी ने आरोप लगाया कि बीजेपी का मुख्य मकसद परिसीमन के माध्यम से ऐसी सीटे निकालना है जहां से केवल बीजेपी उम्मीदवार ही जीत सकें। असम ताजातरीन उदाहरण है जहां 2001 की जनगणना के आकणों के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया की जा रही है जबकि 2011 की जनगणना उपलब्ध है. 2011 की जनगणना को दरकिनार कर 2001 के आधार पर परिसीमन करना और मुस्लिम बाहुल्य सीटों को आरक्षित करना विशेष समुदाय के साथ अन्याय है। अन्य प्रदेशों में भी बीजेपी यही खेल, खेल रही है। जम्मू कश्मीर और उoप्रo जैसे राज्यों में परिसीमन के नाम पर मुस्लिम राजनीतिक प्रतिनिधित्व खतम करने की कोशिश की गयी है। जम्मू कश्मीर में सीटे जोड़ने और सीटों के आरक्षण की नई योजना, नई विधानसभा में मुस्लिम प्रतिनिधित्व को 50 प्रतिशत से नीचे सीमित करने की है। वही उ०प्र० की नगीना लोकसभा सीट (जो दलितों के लिए आरक्षित है) में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 43 प्रतिशत और दलितों की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत है, बहराइच सीट भी जहाँ 6 बार मुस्लिम उम्मीदवार जीतता रहा, दलितों के लिए आरक्षित कर दी गयी है।