जे पी शर्मा / स्थानीय संपादक , दैनिक अमर स्तम्भ
जयपुर। अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन छोटीकाशी भी राममय होगी। राम मंदिर निर्माण के लिए 500 साल तक किए गए संघर्ष के बाद इस बार 22 जनवरी को पूरे देश में दिवाली मनाई जाएगी। जयपुर जिले के लगभग सभी मंदिरों में अगले साल 22 जनवरी को दिवाली मनाई जाएगी। राजधानी क 100 से अधिक मंदिरों में बड़ी स्क्रीन, एलईडी से कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाएगा। दिवाली की तरह मंदिरों और घरों में रंग-बिरंगी लाइटों की रोशनी होगी। मंदिरों और घरों में दीपक जलाए जाएंगे। एक से 15 जनवरी तक घरों में श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या में पूजित अक्षत के साथ पत्रक, राम मंदिर की फोटो वितरित की जाएगी। इसके लिए टोलियां बनाई गई है। राजधानी और जिले में अक्षत कलश यात्रा निकाली जा रही है। रविवार को छोटी काशी में दर्जनों कॉलोनी में अक्षत कलश यात्रा निकाली जाएगी। विश्व हिंदू परिषद राजस्थान के क्षेत्रीय संगठन मंत्री राजाराम ने बताया कि 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन हर घर में दिवाली मने, हर मंदिर पर त्यौहार मने इसका उत्तरदायित्व समाज के जागरूक लोगों का बनता है। इसलिए छोटीकाशी के सभी बड़े मंदिरों में सजावट होगी और दीप जलाए जाएंगे। मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दिखाया जाएगा। मंदिरों भजन, कीर्तन, हवन, सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा पाठ, सामूहिक आरती आदि कार्यक्रम भी होंगे।
घरों को भी रंगबिरंगी लाइटों से सजाने और दीप जलाए जाने के लोगों से कहा जा रहा है। मंदिरों की व्यवस्था कमेटियों ने तैयारी प्रारंभ कर दी है।
एक से घर-घर अक्षत वितरण:
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व एक जनवरी से अक्षत वितरण किया जाएगा। इसके लिए शहर को कई भागों में बांटा गया है। अयोध्या से पूजित अक्षत पहुंच चुके है। कार्यकर्ता एवं स्वयंसेवक अक्षत वितरण करेंगे। टोलियां अक्षत वितरण करेंगी।
अखंडता का प्रतीक है अक्षत:
ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि चावल यानि अक्षत का तात्पर्य यह है कि जिसका कभी क्षय ना हो। पूजा-पाठ में अक्षत इसलिए चढ़ाया जाता है कि जो भी संकल्पित कामना हम भगवान की पूजन के लिए रखते हैं, उसे वह संपूर्ण रूप से में प्राप्त हो सके और अखंडता की प्राप्ति हो। अक्षत को शुद्ध अनाज माना जाता है। इसके पीछे का कारण यह है कि चावल धान के अंदर बंद होता है, जिसे पशु-पक्षी झूठा नहीं कर पाते।