एमसीबी/मनेन्द्रगढ़-मामला मनेन्द्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है शासन के नियमानुसार ओपीडी के खुलने का समय प्रातः 9:00 बजे निर्धारित है लेकिन स्थिति यह है कि यहां 10:00 बजे तक भी डॉक्टर नदारत रहते हैं, यह मानगढ़त् नहीं बल्कि तस्वीरें बयां कर रही हैं लापरवाही का आलम तो यह है कि पर्ची कटने के बाद मरीज यहां-वहां भटकते नजर आएंगे गंभीर मरीज मजबूरी में या तो प्राइवेट अस्पतालों की तरफ रुख करता है या इंतजार करते दम तोड़ते रहेगा। कुछ डॉक्टर तो ऐसे भी हैं जो मरीज को अपने निजी क्लीनिक में भेजने का परामर्श देते हैँ जैसे इन्हें आवैतनिक ही कार्य कराया जा रहा हो। ज्ञात हो कि मनेन्द्रगढ़ विधानसभा से निर्वाचित हुए विधायक आज स्वास्थ्य मंत्री हैं और क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर काफी गंभीर एवं चिंतित नजर आ रहे हैं वहीं दूसरी ओर अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर माननीय स्वास्थ्य मंत्री के सपनो को मटियामेट करने पर आतुर हैँ। करोड़ों की बजट और घोषणाओं का कोई महत्व नही रह जाता जब चिकित्सक/अधिकारी मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं हों। आलम यह की अस्पताल में पद्स्थ डॉक्टर अपनी निजी क्लीनिक की ओर ज्यादा ध्यान देते नजर आ रहे हैं। मरीज के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर अगर मरीजों को लेकर गंभीर नहीं है तो इन्हें कार्यमुक्त कर दिया जाना ही उचित रहेगा ताकि वे अपने निजी क्लीनिक को बखूबी चला सके क्योंकि मरी मानवता के चिकित्सकों की मनेन्द्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को आवश्यकता नहीं है।