कभी खुशिया बुला लो तुम
कभी गम को भगा दो तुम
तुम्हारा फैसला क्या है
जरा हमको बता दो तुम
उठी है जो कसक दिल
में उसे हम जान जाएंगे
तेरे शोहरत की खुशबू
को हम पहचान जाएंगे
मेरा दिल भी धड़कता है
जब उसको याद करती हूं
मगर धड़कन को वो मेरे
नजर अंदाज करता है
उसे कैसे बताऊं मैं कि
उसको प्यार करती हूं
मगर उसके बिना जीवन
मेरा बेजार सा लगता है
ममता की क़लम से