मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के पावन अवतरण दिवस ‘श्री राम नवमी’ के अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के तत्वावधान में “आपकी पाठशाला” शिक्षण संस्थान में एक विचार गोष्ठी व रामायण मौखिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
विजई प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन व श्रीराम स्तुति से किया गया।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता विस्तारक आकाश पाल ने कहा कि राम भारत के प्राण हैं, सनातन जगत की सकल आस्था के केंद्र, सारी सृष्टि के आराध्य हैं। उनके जीवन में संघर्षों की अनवरत श्रृंखलाएं आती रहीं लेकिन वे कभी विचलित नहीं हुए। उन्होंने विपरीत से विपरीत से परिस्थिति में भी धैर्य और मर्यादा का साथ नहीं छोड़ा।
कार्यक्रम संयोजक रवि सक्सेना ने कहा कि भारत के कण–कण में समाहित राम को अपनी जन्मभूमि पर 500 वर्ष से अधिक समय का वनवास झेलना पड़ा। अब जाकर भव्य राम मंदिर निर्माधीन है।
भारत की नई पीढ़ी नवीन प्रौद्योगिकी और तकनीकि को तो सीखे ही साथ ही अपनी प्राचीन संस्कृति को भी ना विस्मृत करें। इसी महान उद्देश्य को रखकर रामायण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम अध्यक्ष परेश सक्सेना ने कहा कि राम को श्रीराम बनने के लिए राजमहल को छोड़कर वनवासी और वंचित लोगों के बीच में जाकर वनवासी जीवन व्यतीत करना पड़ा। संघर्ष और कष्टों को झेलना पड़ा। लेकिन इन्हीं कारणों ने उन्हें देवत्व प्रदान किया। सारे जगत ने उन्हें भगवान श्रीराम के रूप में अपना इष्ट माना। इसी तरह से हम सभी को भी अपने जीवन में आए कष्टों से घबराना नहीं चाहिए। ये संघर्ष ही हमें महान बनाते हैं।
नगर अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र प्रताप सिंह ने बच्चों को मोबाइल कंप्यूटर से दूर रह शारीरिक गतिविधियों को करने की सलाह दी साथ ही विभिन्न तरह की तालियों के बारे में बताया।
इस अवसर पर नगर मंत्री लालू रावत, ,प्रांजल, गर्वजीत, समीर, नव्या, सिद्धार्थ, अरुण, शिव, रॉक, अंशुल, अभय, पार्थ, आयुष, सौम्या विजई प्रतिभागी रहे।