मैं जिसके गीत लिखती हूं
वो मेरा हो नही पाया
मेरा दिल हो गया उसका लेकिन
वो मेरा हो नही पाया
उसने नजरें जो फेरी तो
फिर देखा नहीं मुड़के
के दिल से आह सी निकली
मगर ये रो नहीं पाया
प्यार से भी ज़रूरी कई काम हैं
ये सबकी किस्मत में होता नहीं
उसी के लिए क्या रोना
जो मेरा हो नहीं पाया
ज़रूरी नहीं सबको मिले प्यार का साया
प्यार सब कुछ नहीं ज़िंदगी के लिए
काँधो पर मेरे जिम्मेदारियां और भी हैं
तू इतना भी ज़रूरी नहीं ज़िंदगी के लिए
पूनम शर्मा
गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश
(स्वरचित)