तुम्हारी यादों से बढ़कर,
कोई काम ही नही,
तुम्हे याद ना करू ,
तो क्या करू?
तूमसे प्यारा कोई
मीला ही नही
ख़्वाबों में तुमसे
मुलाकात ना करू,
तो क्या करू?
मेरा दिल कीसी से भी.,
बात चाहता नही करना…..
तुमसे बाते ना करू
तो क्या करू?
“तुम बिन ” जीना ,
जीना नही लगता
तेरे बिन कही भी
मेरा दिल नही लगता
तन्हाइयों को भी
तुमसे इस कदर मोहब्बत है
तन्हाई में भी दिल मेरा
तन्हा नही होता,
तु हर खुली मेरी
तु जिंदगी मेरी ,
दूर होके अपनी जिन्दगी
से जिउ तो कैसै जिउ…
तेरी यादों से बढ़कर ना
कुछ भी है मेरे लिए
तुम्हे याद ना करू ,
तो क्या करू?
सम्पदा ठाकुर