मां तेरी दी सीख को ही मैं
नित जीवन में अपनाती हूं
नहीं रुकती मैं घबराकर
बस चलती ही जाती हूं।
मां तेरे दिए संस्कारों को
प्रति राह मैं धारती हूं
लेकर सबका आशीर्वाद
खुशियां मन में समाती हूं।
मां जादू तुम्हारे शब्दों का
क्या जादुई असर दिखाता
अपने बच्चों को भी उसी
शिक्षा से मैं सींचती जाती हूं।
संघर्ष, हिम्मत, हौसलों की जो
कहानी मैंने तुम्हारी देखीं
उन्हें ही जीवन में अपना कर
कदम-कदम बढ़ाती जाती हूं।
हां सीखा है मैंने तुमसे कि
यह जीवन क्षणभंगुर है
परमात्मा को मन से ध्याने
का गुरु मंत्र रटती जाती हूं।
ना तुम रुकना आगे ही बढ़ना
जो होगा वह देखा जाएगा
इन्हीं बातों का अनुसरण कर
मंजिल तक पहुंचती जाती हूं।
हूं तेरी छवि हां तुमसा ही
चेहरे का नूर मैं चाहती हूं
हूं तेरा ही अंग, संग तेरा
सदा भरपूर मैं चाहती हूं।
हां मां तेरी दी सीख को ही
जीवन में नित अपनाती हूं
नहीं रुकती मैं घबराकर
बस चलती ही जाती हूं।
ज्योति महाजन