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प्रयागराज – धर्म और आस्था की संगम नगरी प्रयागराज में 30 जून दिन ‘रविवार’ को साहित्यिक सांस्कृतिक व सामाजिक आयोजनों के लिए प्रतिबद्ध साहित्य संस्था काव्यामृत साहित्यिक संस्था’ द्वारा ‘स्वर काव्य संगम’ का भव्य आयोजन किया गया ।जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से आए एक से बढ़कर एक कवियों ने खूबसूरत रचनाओं से ‘स्वर समागम’ को ‘काव्य गंगा’ से पावन किया। संस्थापिका प्रीती एच प्रसाद ने सभी कवियों का अभिनंदन किया, कार्यक्रम का प्रारंभ देवी प्रसाद पाण्डेय द्वारा सरस्वती वंदना से प्रारंभ किया गया।कार्यक्रम का सफ़ल संचालन साक्षी सिंह के द्वारा किया गया। संयोजक अभिषेक मिश्र ‘अभि’ एवं उनके सहयोगी प्रमोद प्रजापति एवं आकाश राघव ने विशेष भूमिका अदा की।
कवि सम्मेलन में शाहिद सफ़र, अभिलाषा सिंह ‘अज़ान’, अशोक श्रीवास्तव ‘कुमुद’, डॉ. अशोक अग्रहरी और तहज़ीब लियाकत ने अपनी खूबसूरत ग़ज़लों से समां बांधा, तो वहीं इन्द्रेश भदौरिया, प्रवीण पाण्डेय और डॉ. अम्बे कुमारी ने अवधी की खूबसूरत रचनाओं से सभी का मन मोह लिया। माहौल को खुशनुमा रंग देने में वाह भाई वाह फेम कवि आशीष तिवारी ‘निर्मल’ , व उमेश ‘रचित’ और अभिषेक मिश्रा ‘अभि’ ने हास्य काव्य से लोगों को देर तक गुदगुदाया।शिवनाथ सिंह,दीनदयाल सोनी ‘स्वर्ण’ , अजय वर्मा ‘साथी’, संजुला सिंह, भारत मौर्य, सम्पदा मिश्रा और अनामिका तिवारी ‘अन्नपूर्णा’, श्यामजीत सिंह ‘श्याम’ ने ओज की कविताओं से मंच को उत्साहित कर दिया, आदर्श पाण्डेय ने किसानों की वेदना को अपनी रचना के माध्यम से व्यक्त कर सभी को भावुक कर दिया तो सुधांशु शुक्ला, गिरिराज किशोर शर्मा, विनय साहू ‘निश्छल’ और जगदीश कौर की रचनाओं ने श्रोताओं को आनंदित किया।संस्थापिका प्रीती एच प्रसाद ने ‘फिर भी क्यों लाचार होती बेटियां’ , मंच संचालिका साक्षी सिंह ने ‘मत कर मुझे तू मां अब परदेश के हवाले’, व्यवस्थापक प्रमोद प्रजापति ने ‘शहर में गाँव जैसी लगती है माँ, आकाश राघव ने ‘नेता जी को प्यार लिखा है’ जैसी रचनाएं पढ़कर मंच को समापन तक खूबसूरती से बांधे रखा।
स्वर परिवार ने कार्यक्रम के पश्चात् कटोरी पार्क में ‘वृक्षारोपण’ कार्यक्रम में वृक्ष पुरुष मनोज उपाध्याय एडीए के पर्यावरण अधिकारी अरविंद मिश्रा,अभिलाषा सिंह ‘अज़ान’ शाहिद सफ़र , साक्षी सिंह और संस्थापिका प्रीती एच प्रसाद ने नीम, मीठी नीम, तुलसी सहित सैकड़ों पौधों का रोपण किया। कार्यक्रम के समापन में सभी रचनाकारों का सम्मान हुआ। सम्मान पत्र, सम्मान चिन्ह ,महत्वपूर्ण संकलनों का आदान-प्रदान तत्पश्चात भोजन वितरण के साथ स्वर टीम ने समापन की घोषणा की।संस्थापिका प्रीती एच प्रसाद ने सभी का आभार जताया और कहा कि हम इस तरह की साहित्यिक कार्यक्रम देश के अलग-अलग शहरों में बीते कई सालों से निरंतर कर रहे हैं ताकि काव्य की नई पौध इस समाज और पर्यावरण के लिए समर्पित भाव से सकारात्मक कार्य कर सके ।