विकास की गंगा में डूबने को मजबूर ग्रामीण, नरकीय जीवन जी रहे हैं लोग
संवाददाता दैनिक अमर स्तम्भ
एटा /जलेसर- केन्द्रीय सरकार एवं राज्य सरकार स्वछता कार्यक्रम संचालित कर करोड़ों रुपये खर्च करके लोगों को राहत देने का प्रयास कर रही है। गत दिनों विकास खण्ड पर विकास की गति की तीव्रता दिलाने हेतु आवश्यक सभा आयोजित की गई थी। लोगों की सुविधा के लिए मार्ग सुविधा उपलब्ध कराने की पहल की ओर ध्यान दिया जा रहा है परन्तु ग्राम पंचायत मुहब्बतपुरा के नागरिकों की दशा पर दुर्दशा के भयंकर बादल मडरा रहे हैं। जलेसर विशुनीपुर मार्ग से जुडे मुख्य मार्ग पर गन्दा पानी का भण्डारण होने के कारण मुख्य सड़क मार्ग ने तालाब का रूप धारण कर लिया है। सड़क पर आने जाने वालों को गन्दे पानी से नियमित निकलना पड रहा है। ग्राम पंचायत प्रधान को अवगत कराते हुए तहसील दिवस में लिखित प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया लेकिन परिणम ढ़ाक के तीन पात। उपस्थित लोगों ने मीडिया को बताया कि सड़क के दोनों किनारों पर निकटवर्ती भूमालिकों ने मिट्टी डालकर नाली समाप्त कर दीं हैं। जबकि सड़क के दोनों किनारों पर दो दो मीटर कच्ची मिट्टी में पानी निकलने के लिए नाली खुदी हुईं थीं। नाली बन्द कर देने से व सड़क के दोनों किनारों पर ऊंची ऊंची मिट्टी डाल देने से सड़क ने तालाब का रूप धारण कर लिया है। लोगों के अनुसार बच्चे, बूढ़े व किसान जो चारा इत्यादि लेकर फिसल कर गिर जाने से चोटिल होने का खतरा रहता है। भीकमपाल सिंह ने बताया कि मेरे पैर फिसल कर गिर जाने से हाथ में चोट लग गयी है। वेद पाल का पैर फिसल कर गिर जाने से चोटिल हो गए हैं। राकेश की बहू गोबर ले जाते समय गिर गई। स्कूल जाने वाले बच्चे फिसल कर गिर जाने से के भय से विद्यालय नहीं जा रहे हैं। खण्ड विकास अधिकारी को भी अवगत कराया गया है। परिणाम स्वरूप स्थिति जस की तस बनी हुई हैं। लोग कभी प्रधान तो कभी सरकार को कोस रहे हैं। कुछ लोगों ने अपनी दबी जुबान में सड़क के दोनों किनारों पर झटका मशीन के तारों में दौड़ भर रहे करंट से मिली खतरे की घंटी की ओर इशारा किया है। बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति फिसल कर तारों से छू गया तो कभी भी बड़ी अनहोनी घटना घटित हो सकती है।