मो.फारुक संवाददाता।

पुरवा/उन्नाव (दैनिक अमर स्तम्भ)जिसने अपने जीवन श्रीमद्भागवत गीता को धारण किया वह सदमार्ग पर चलेगा। गीता कर्म का मंत्र है। यह हमें धर्म और कर्म की प्रेरणा देती है। रणभूमि में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को धर्म और कर्म का ही उपदेश दिया था और कहा था कि कर्म करो फल की इच्छा न करो। भगवत गीता के प्रति न्यायपालिका भी श्रद्धा भाव रखती है।
माननीय मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी 1585 थानों, 75 पुलिस लाइन, 90 से अधिक जेलों में भव्यता से यह आयोजन हो रहा है। 10 साल पहले यह संभव नहीं था। सरकारे डरती थीं कि आयोजन करेंगे तो क्या लाभ होगा? हम फल की इच्छा किए बिना ही काम करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के 5251वें जन्मोत्सव का है। इस धरा पर 125 वर्ष आठ महीनें व्यतीत करने के बाद अपनी लीला को उन्होंने विश्राम दिया। मानव जीवन में चार पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष हैं। आधारशिला धर्म से प्रारंभ होती है। वह कर्मों के माध्यम से अर्थ का उपार्जन करता है। जब कामनाओं की सिद्धि में उसका उपभोग करता है तो मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
इसी क्रम में कोतवाली पुरवा में भी भव्य सजावट व भव्यता के साथ मनाया गया लीलाधर का पावन जन्मोत्सव , जिसका आयोजन कोतवाली प्रभारी कुंवर बहादुर सिंह के कुशल नेतृत्व में किया गया ।
इस दौरान जिला मंत्री भारतीय जनता पार्टी डॉ रजनीश वर्मा ,मण्डल अध्यक्ष शुभम श्रीवास्तव, मीडिया से श्रीपाल ,राम सिंह पटेल, हरिकृष्ण शुक्ल,शिवम चौरसिया, रत्नम चौरसिया, गौरवेन्द्र अवस्थी, सुशील तिवारी, रेनू गुप्ता,राजकुमार राजपूत,सुभाष,राजेश चौधरी, जाहिद अली,अमित सविता,थाने से प्रभारी कुँवर बहादुर सिंह,सहायक प्रभारी राजेश यादव,दीवान जावेद खा, दरोगा राम सिंह, सभाजीत सिंह चौहान,सियाराम चौरसिया,शिवपाल सिंह, फूलचन्द्र सरोज,दुर्गा मोटर्स के मालिक विकास सोनी ,प्रफुल्ल पटेल,सुरेश साहू ,सहित कई गणमान्य उपस्थित मौजूद रहें।

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