भोपाल सिंह
बिजनौर :- जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि भारत को तिलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। उन्होंने कहा कि देश में तिलहन की कम पैदावार होने के कारण बाहर से तिलहन को आयात करना पड़ता है जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि अपने देश में ही तिलहन की पैदावार की अपार संभावनाएं मौजूद हैं यदि सार्थक प्रयास किए जाएं तो भारत तिलहन के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बन सकता है। उन्होंने कहा कि यह गोष्ठी कृषि विभाग की एक अच्छी पहल है जिसमें किसानों की समस्याओं को सुनने के साथ-साथ उनका निस्तारण भी किया जाता है तथा सरकार के द्वारा किसानों के हित में चलायी जा रही योजनओं से किसानों को अवगत भी कराया जाता है। उन्होंने जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक को निर्देशित करते हुए कहा कि बैंकों से संबंधित किसनों की जो भी समस्याएं उत्पन्न हो रही उनका तत्परता के साथ निस्तारण करना सुनिश्चित करें साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन बैंकों मे बैंक मैनेजर एवं ब्रांच मैनेजर से संबंधित जो भी शिकायतें प्राप्त हो रही है की जांच कर उन मैनेजरस् को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में आज प्रातः 10ः00 बजे विकास भवन सभागर में नेशनल मिशन ऑन एडिबिल ऑयल (ऑयल सीड्स) योजनान्तर्गत जनपद स्तरीय खरीफ किसान तिलहन किसान मेला-2024 का आयोजन किया गया।उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि शासन द्वारा किसानों के हितार्थ संचालित कार्यक्रमों और योजनाओं का व्यापक रूप से इस तरह प्रचार-प्रसार कराएं कि ग्राम पंचायत स्तर पर उनके प्रति जागरूकता पैदा हो सके और छोटे स्तर के किसान भी जागरूक एवं प्रेरित होकर उनसे लाभान्वित हो सकें।उन्होंने किसानों का आह्वान करते हुए यह भी कहा कि गन्ना उत्पादन के साथ-साथ ट्रेंच विधि का प्रयोग करते हुए अन्य फसलें विशेष रूप से तिलहन का उत्पादन करें, जिससे उनकी आर्थिक आए में वृद्धि हो सके और तिलहन के पोषक तत्वों से खेत की मिट्टी भी स्वस्थ और उपजाऊ बन सके। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि से समुचित आर्थिक लाभ फसलों के विविधीकरण एवं व्यवसायीकरण से शीघ्रता से संभव हो सकता है। उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि कृषि के क्षेत्र में हो रहे आविष्कारों और अनुसंधानों पर नज़र रखें और खेतों में वैज्ञानिक विधियों और आधुनिक तकनीक एवं यंत्रों का प्रयोग करते हुए कृषि क्षेत्र को विकसित करें। उन्होंने कहा कि जैविक खेती करने से जहां रसायन युक्त खेती से बचा जा सकता है और जैविक खेती में अधिक उत्पादकता होती है और वह मिट्टी को शक्तिशाली और उपजाउ बनाती है।तदोरान्त जिलाधिकारी द्वारा विकास भवन के प्रांगण में लगे कृषि विभाग के स्टालों का फिता काटकर शुभारम्भ तथा विस्तृत निरीक्षण किया गया।इस अवसर पर उप निदेशक कृषि गिरीश चन्द, जिला कृषि अधिकारी जसवीर सिंह तेवतिया, जिला अग्रीण बैंक प्रबंधक, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सहित कृषि विभाग से संबंधित अधिकारी एवं भारी संख्या में किसान बन्धु मौजूद थे।